23 मई को काउंटिंग एजेंट रखें इन बातों का ध्यान

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सातवें एवं अंतिम चरण के मतदान के बाद ईवीएम से भरे ट्रक पकड़े जाने से पूरे देश में हडकंप मच गया है. हरियाणा के सोनीपत, यूपी के चंदौली, झांसी, गाज़ीपुर और बिहार के सारण से ईवीएम से भरे ट्रक पकड़े जाने की बात सामने आई है. इन ख़बरों के सामने आने के बाद पूरे देश में ईवीएम की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है.
यहाँ हम बता रहे हैं, कि मतगणना के दिन किन सावधानियों और प्रक्रियाओं को अपनाकर ईवीएम की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है. यह सुनिश्चित किया जा सकता है, कि यह वही मशीनें हैं, जिनका उपयोग वोटिंग के दौरान हुआ था.

मतगणना के दिन काऊँटिंग एजेंट रखें ये सावधानियां

  • हर EVM का एक नंबर होता है, जो चुनाव आयोग अंकित करता है. साथ ही एक सीरियल नंबर होता है जो कि manufacturer देता है, अगर ये मैच नहीं हो रहे हैं तो EVM बदल गई है.
  • किस EVM और साथ ही किस बूथ में टोटल कितने वोट पड़े ये रिकॉर्ड में लिखा जाता है, अगर ये मैच नहीं हो रहा तो EVM में गड़बड़ी की गई है.
  • हर मशीन के साथ ही VVPAT भी है, हर विधानसभा क्षेत्र में 5 मतदान केंद्र की गिनती EVM से मिलाई जाएगी, ये ना मिले तो गड़बड़ है.

यदि काउंटिंग के समय इन चीज़ों का ख्याल रखते हैं, तो काफ़ी हद तक गड़बड़ी की आशंकाओं से बचा जा सकता है. यदि आपको लगता है कि आपके उम्मीदवार के साथ गलत हो सकता है, तो काऊँटिंग के समय मशीनों के नंबर का मिलान ज़रूर करें.
यदि आप सावधानी बरतते हुए इस प्रक्रिया को अपनाएंगे तो आपके उम्मीदवार और आपकी शंकाओं का निवारण हो सकता है. वरना एक बार रिज़ल्ट घोषित हो जाने पर आपके हाथ कुछ नहीं आएगा. इसलिए काउंटिंग के समय अपने अपने उम्मीदवार के लिए यह सावधानी बरती जा सकती है.

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