कांग्रेस उत्तराखंड में सत्ता हासिल करते ही देगी गैरसैंण को स्थाई राजधानी का दर्जा

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उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता ने मीडिया से मुखातिब होते हुए विपक्ष पार्टी पर तंज कसे और कहा कि अगर कांग्रेस सरकार दोबारा आएगी तो प्रदेश में बहुत कुछ बदला जाएगा।

कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दोसानी ने कहा कांग्रेस के प्रदेश में सत्ता संभालते ही सबसे पहले हम गैरसैंण को उत्तराखंड के स्थाई राजधानी घोषित करेंगे। उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। उत्तराखंड जबसे अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया है स्थाई राजधानी को लेकर विवाद का मुद्दा बना ही रहता है। कहने को तो देहरादून राज्य की राजधानी है लेकिन वह भी स्थाई नहीं है।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बीजेपी सरकार ने यहां कुछ नहीं किया है। कांग्रेस के द्वारा लाई गई सभी योजनाओं को भी वे ढंग से लागू नहीं कर पाए। उनका ध्यान लोगों की बेरोजगारी , भुखमरी , महंगाई, स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे इन सब पर नहीं है। उनका काम सिर्फ लोगों को बांटने का है। उन्होंने बताया कि पहले भी कांग्रेस सरकार जब सत्ता में आई थी तो उन्होंने प्रदेश के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कार्य करने के साथ विधानसभा भवन भी बनवाया था।

हमारे यहां चारधाम पर आने वाले पर्यटकों को वापिस लोटा दिया जाता है ,क्योंकि उनके पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं है ।जबकि हमारे पीएमओ के अधिकारी बद्रीनाथ बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के जा सकते हैं। यह कहां तक सही है। काबिल और कर्मठ महिलाओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने के लिए भी पार्टी फोरम में बातचीत जारी है। राजनीति में महिलाओं को भी पूर्ण अधिकार मिलने चाहिए।

पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी ने कहा की हाट गांव में यदि टीएचडीसी ने ग्रामीणों को उनका उचित हक नहीं दिया तो कांग्रेस कंपनी के खिलाफ भी आंदोलन करेगी। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष विरेंद्र रावत, जिला मुख्य प्रवक्ता विकास जुगरान और सुरेंद्र लाल आदि उपस्थित रहे।

खबरों के मुताबिक कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पूर्ण रूप से तैयार है । गैरसैंण उन क्रांतिकारियों की भूमि है जिन्होंने राज्य को अलग दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। यह कोई पहली बार नहीं है कि जब गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के मुद्दे को उठाया जा रहा है। इससे पहले भी कई बार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के लिए मांग उठ चुकी है।

बताया जा रहा है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में केवल 70 सीटें हैं ।जिन पर कांग्रेस ने कहा है कि वह 40 सीटों पर अपना कब्जा करके प्रदेश में सरकार बनाएगी। सत्ता में आने के बाद में प्रदेश की कायापलट करेंगे । जिसमें सबसे पहले गैरसैंण को प्रदेश की स्थायी राजधानी घोषित करेंगे । उसके बाद पहली कैबिनेट में  देवस्थानम बोर्ड को रद्द किया जाएगा और पुरानी पेंशन बहाली के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेंगे। 

कांग्रेस ने इस बात को भी साफ कर दिया है कि देहरादून को स्थाई राजधानी नहीं बनाया जाएगा। राज्य की सिर्फ एक ही स्थाई राजधानी होगी वह गैरसैंण इससे हमें सबसे बड़ा फायदा टेक्स दाताओं का पैसा भी बच सकेगा।

जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने सरकार के इस कदम को गड़बड़ाया या घबराया सा निर्णय बताते हुए कहा कि, पहले भी हमारे राज्य की राजधानी देहरादून अस्थाई बनी हुई है। बेहतर होगा कि इस निर्णय को हमें कांग्रेस के लिए ही छोड़ देना चाहिए। इसका निर्णय कांग्रेस ही बेहतर दे सकती है।

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