आम लोग Bharat Jodo Yatra से जुड़ रहे हैं, क्या ये Rahul Gandhi का असर है ?

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नागरकुल्ई से दीपक असीम – भारत जोड़ो पदयात्रा के दूसरे दिन राहुल गांधी का काफिला कन्याकुमारी से सुचिंद्रम गांव बहुत तेजी से आया। राहुल गांधी तो फिट है मगर दूसरे लोगों की हालत खराब हो गई। खासकर जिनका वजन ज्यादा था। अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी के चेहरे पर थकान देखी जा सकती थी मगर थकान के साथ ही उत्साह भी था। अल्पसंख्यक विभाग से 7 लोग पूर्णकालिक पद यात्रियों में है जिनमें दो महिलाएं भी हैं।

 

सुचिंद्रम में भोजन के बाद जो हुआ उसे आप जयराम रमेश का मीडिया शो कह सकते हैं। इस पदयात्रा के लिए मीडिया का संचालन पवन खेड़ा से लेकर जयराम रमेश को दिया गया है और जयराम रमेश की बुलाई आज तक की एक एंकर बहुत मेहनत से अपनी रोजी हलाल कर रही थी। आज तक पर क्लिप भले ही एक दो मिनट की दिखाई जाए या शायद एक-दो मिनट भी ना दिखाई जाए चैनल के पत्रकार बाइट लेने में मेहनत करके उपभोक्ता का दिल खुश कर देते हैं। फिर बाद में कह देते हैं चैनल हेड ने नहीं दिखाया मैं क्या करूं। यह सुविधा अखबार के पत्रकारों को नहीं है।

सभी पद यात्रियों को गोले में बैठा कर उनसे गीत गवाए गए और नारे लगवाए गए। जयराम रमेश कुर्सी पर बैठकर जायजा ले रहे थे कि सब कुछ कैसा चल रहा है। कुछ देर बाद व्यंगात्मक मुस्कान के साथ पवन खेड़ा विदा हो गए। इस एंकर लड़की ने कमाल कर दिया। लग रहा था यह खुद कांग्रेसी है। इसका बस चले तो अभी माइक रखकर राहुल गांधी के साथ पैदल चल पड़े। जयराम रमेश गदगद हुए।

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सुचिंद्रम गांव में मलयालम खाना मिलता है। केले के पत्ते पर चावल सांभर एक मूंग दाल कुछ सब्जियां जिनमें केले की सब्जी अनिवार्य होती है। पद यात्रियों और अधिकृत वालंटियर का खाना अंदर स्कूल में था। इस पुराने स्कूल का कोई जुड़ाव गांधी जी से भी है और यह दिख भी रहा था अंग्रेजों का बनाया हुआ। बाकी जो लोग अपनी मर्जी से साथ चल रहे थे उन्होंने बाहर एक मलयालम रेस्टोरेंट में खाया। मगर लोग इतने थे की रेस्टोरेंट्स वाले का खाना कम पड़ गया। नसीब में जिसके जो लिखा था वह सुचिंद्रम में काम आया किसी के हिस्से में अवियल आया किसी के हिस्से में पापड़ आया।

यहां एक बड़ा काम यह हो रहा है कि जहां जहां पदयात्रा जा रही है वहां वहां की मिट्टी और वहां वहां का पानी जमा किया जा रहा है। जहां पर राहुल गांधी पदयात्रा लेकर नहीं जा रहे वहां से कार्यकर्ता मिट्टी और पानी लेकर आ रहे हैं। कश्मीर तक जाते-जाते पूरे देश की मिट्टी और सभी नदियों का पानी एक हो जाएगा। फिर इस मिट्टी और पानी के साथ कुछ पौधे लगाए जाएंगे। इस तरह से देश को प्रतीकात्मक रूप से एक किया जाएगा। मगर इसे अस्थि कलश यात्रा की तरह प्रस्तुत नहीं किया जा रहा।

सुचिंद्रम में बाकी पदयात्री तो खाना खाकर आराम करने लगे मगर दिग्विजय सिंह राहुल गांधी को लेकर कहीं निकल गए। सुचिंद्रम के लोगों से मिलवाने और आसपास के गांव के लोगों से मुलाकात कराने। केसी वेणुगोपाल की तो झपकी ही लग गई और वे एक लकड़ी की बेंच पर ऐसे पेड़ के नीचे सो गए, जो पूरी तरह धूप भी नहीं रोक पा रहा था। जिस स्तर के वे हैं, उन्हे जेल में भी इससे ज्यादा आराम दिया जाता। अन्य कुछ थके हुए लोग जहां जगह मिली वही आड़े पड़ गए। मगर कुछ पद यात्रियों के हिस्से में मीडिया शो की थकान भी लिखी थी।

चार बजे यह काफिला सुचिंद्रम से चलकर नागरकोइल के स्कॉट क्रिश्चियन कॉलेज में आ गया। यहां इतने सारे लोग आ गए कि दिग्विजय सिंह को खुद कॉलेज के गेट पर खड़े होकर द्वारपाल बन जाना पड़ा। पदयात्रियों के पास अंदर कौन जाएगा यह दिग्विजय सिंह तय कर रहे थे। सेवादल के लोगों को खास तौर पर सम्मान दिया जा रहा है। कमाल की बात यह है कि दिग्विजय सिंह तमिलनाडु तक के कार्यकर्ताओं को जानते पहचानते हैं। तमिलनाडु के किसी नेता कार्यकर्ता को रोका नहीं गया और किसी अन्य को अंदर नहीं जाने दिया गया। राहुल गांधी का एक दीवाना मुंबई से बाइक चलाकर यहां आ गया। वह पद यात्रियों में शामिल होना चाहता है मगर दिग्विजय सिंह ने उसे भी मना कर दिया।

सुचिंद्रम में मुलाकात हुई हरियाणा जींद के पंडित दिनेश शर्मा से। जिस तरह सचिन का एक फैन सचिन के हर मैच में जाता था उसी तरह पंडित दिनेश शर्मा राहुल गांधी के पीछे जाते हैं। ऐसा वे 12 वर्षों से कर रहे हैं। उन्होंने चप्पल पहनना छोड़ दी है नंगे पांव रहते हैं। राहुल गांधी के फोटो वाला कुर्ता पहनते हैं। उन्होंने कसम खाई है कि जब तक राहुल गांधी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे तब तक चप्पल नहीं पहनेंगे।

केवल 2 दिनों में समझ में आ गया कि क्यों कांग्रेस के नेता गांधी परिवार के किसी शख्स को छोड़ना अफोर्ड नहीं कर सकते। राहुल गांधी के लिए लोगों में दीवानगी है। उनके काफिले का रास्ते में इंतजार किया जाता है। कोई उन्हें पानी की बोतल देना चाहता है तो कोई नारियल पानी पेश करता है। राहुल गांधी की दोस्ताना मुस्कान और भोलापन उन्हें लोगों का प्रिय बना रहा है।