जैसा के आप सबको पता है, कि देश की मौजूदा सरकार ने कुछ दिन पहले एक कानून पास किया है। जिसे CAB ( citizen ship amendment bill ) का नाम दिया गया है, जिस में सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, और बांग्लादेश से आ कर जितने भी हिन्दू, सिख, ईसाई,जैन,बौद्ध धर्म के लोग जो भारत में रह रहे हैं। उन सबको भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी।
लेकिन इस बिल में कहीं भी यह नहीं लिखा गया है, कि जो मुसलमान इन देशों से आ कर भारत में बस गया है, उसे भी हम भारत की नागरिकता प्रदान करेंगे। जिस के नतीजे में देश भर में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। और इसी क्रम में आज बिहार की राजधानी पटना के पटना सिटी इलाक़े में एक मौन जुलूस का आयोजन किया गया था, जिस में एजाज़उल्लाह खां, मोहम्मद महताब आलम, आदिल अहमद, अयाज़ उल हक़ और मोहम्मद इंतेखाब आलम आयोजक थे।
जुलूस में विशेष रूप से लाल इमली से शहज़ादा, सदर गली से मुमताज़, सुल्तानगंज से ख़ुर्रम मल्लिक, पटना यूनिवर्सिटी से JACP के महासचिव शौकत अली शामिल थे। जुलूस सदर गली से निकल कर पश्चिम दरवाज़ा पर ख़त्म हुआ। ऐसा अनुमान है, कि इस जुलूस में लगभग 20 हज़ार लोगों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
आप को बता दें के इस बिल के विरोध में देशव्यापी आंदोलन हो रहे हैं। ख़ास तौर से उत्तर पूर्व राज्यों के लोगों का प्रदर्शन बहुत तेज़ हो रहा है। यह बिल संविधान विरोधी है। वहीं कुछ लोग को देश की आंतरिक और बाहरी दोनों सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए, यह देश को गृहयुद्ध की तरफ धकेलने की साज़िश है।
पूरे देश में एक अजीब सी बेचैनी पाई जा रही है। ख़ास तौर से भारत का मुस्लिम समाज ख़ुद को ठगा महसूस कर रहा है। पटना के अलग अलग हिस्सों में यह जुलूस निकाला गया है, इस जुलूस में शामिल लोगों का कहना है, कि यह बिल मुस्लिम विरोधी है। इस से आराजकता फैलने की आशंका है। इस लिए भारत सरकार इस बिल को वापस ले। और देश की चरमराती अर्थव्यवस्था पर अपना ध्यान केंद्रित करे।