विचार स्तम्भ

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खुशवंत सिंह ने कहा था – विविधतावादी को नकारना, भारत की अवधारणा के खिलाफ है

  • December 20, 2019

अंग्रेजी के प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक खुशवंत सिंह का यह उद्धरण,  द एंड ऑफ इंडिया, जो 2003 में प्रकाशित उनकी पुस्तक है, से लिया गया है।...

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तुम्हे यकीन नही होता, मगर भारत ये 1947 में भी नहीं चाहता था

  • December 16, 2019

यकीन नही होगा, मगर अब यह खात्मे की शुरुआत है। नरेन्द्र मोदी साहब का इमरजेंसी मोमेंट शुरू हो चुका है। अब पीछे हटे तो कोर समर्थकों...

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नज़रिया – उथल-पुथल का एक आश्चर्यजनक अनुक्रम दिखाई देता है

  • December 16, 2019

भारत में जो दृश्य इन दिनों दिखाई दे रहे हैं, उन्हें जादुई यथार्थवाद की ही संज्ञा दी जा सकती है! उथल-पुथल का एक आश्चर्यजनक अनुक्रम दिखाई...

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नागरिकता संशोधन बिल और NRC में मानवीयता का पहलू कहाँ है ?

  • December 13, 2019

कितने आश्चर्य की बात है कि कोई डेढ़ साल पहले जब नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीज़न यानी एनआरसी का अंतिम ड्राफ़्ट जारी हुआ तो इसी सुशोभित ने...

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नज़रिया – क्या आप समाज को बर्बर बनाए जाने का आनंद ले रहे हैं ?

  • December 13, 2019

नोटबंदी हुई तो किसी को कारण पता नहीं था। ना उद्देश्य ना लक्ष्य। कालाधन, आतंकवाद, डिजिटल अर्थव्यवस्था, नकली नोट – हर चीज की चर्चा थी। पर...

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संविधान से टकराते राजनीतिक दलों के घोषणापत्र

  • December 12, 2019

काफी पहले, अकाली दल ने भी एक घोषणा पत्र बनाया था। वही अकाली दल जो भाजपा का सहयोगी है। जिसे आनन्दपुर साहब प्रस्ताव के नाम से...

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ऐसा क़दम जो देश को ‘हिंदू पाकिस्तान’ बनाने की संवैधानिक नींव रखने जा रहा है

  • December 6, 2019

असम में पहले एनआरसी लागू हुआ. कहा गया कि यहां अवैध प्रवासी बहुत बढ़ गए हैं जिन्हें वापस भेजने के लिए एनआरसी ज़रूरी है. इसके अनुसार...