विचार स्तम्भ

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नज़रिया – धर्म नही बल्कि जनता का जाग जाना, सत्ता की चिंता की वजह है

  • January 3, 2020

पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश, एक ही वतन और एक ही बदन के दो हिस्से थे, अब तीन हैं। 1947 का बंटवारा, एक बहुत बड़ी ऐतिहासिक भूल,...

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क्या फ़ासीवाद के रास्ते पर जा रहा है भारत का भविष्य ?

  • December 31, 2019

ये मेरे देश के युवा हैं। मेरे शहर के युवा हैं। मेरे घर के युवा हैं.. अदरवाइज भले और मासूम व्यक्तित्व हैं। देश की आबादी का...

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नज़रिया – यह नागरिकता का प्रकल्प, हिटलर की हूबहू नकल है

  • December 31, 2019

सब जानते हैं, एनपीआर एनआरसी का मूल आधार है। खुद सरकार ने इसकी कई बार घोषणा की है। एनपीआर में तैयार की गई नागरिकों की सूची...

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अक्सर खामोश रहने वाले गुलजार की बोली को समझने की कोशिश करनी ही होगी

  • December 31, 2019

कहीं पढ़ा था कि गुलजार साहब टॉलस्टॉय के एक वाक्य से बेहद प्रभावित हैं। ‘ तब तक मत लिखो, जब तक उसे लिखे बिना रह नहीं...

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नाज़ियों का Ghetto और वह मुस्लिम बस्तियां जिसे आप मिनी पाकिस्तान कहते हैं

  • December 30, 2019

आपके आसपास कोई मुस्लिम बस्ती है क्या?  वही, जिसे आपके शहर का ” मिनी पाकिस्तान कहते” हैं। कभी देखिएगा ध्यान से, शायद ही ऐसी बस्ती “पॉश”...

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एसपी सिटी मेरठ द्वारा कहे शब्दों पर पूर्व आईपीएस की सलाह

  • December 29, 2019

एसपी सिटी मेरठ अखिलेश के, मेरठ शहर के एक घटनास्थल पर कहे गये इस वाक्य  पर कि, ” खाते यहां की हो, बजाते पाकिस्तान की। पाकिस्तान ...