सिटीज़नशिप अमेन्डमेंट बिल 2019 का विरोध देश भर में बढ़ता जा रहा है। पहले दिल्ली के जदयू कार्यालय के सामने और अब बिहार में भी नीतीश कुमार सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के आवास के सामने प्रदर्शन किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता और आरजेडी नेता मेहताब आलम के साथ बिहार सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद के अव का घेराव किया और NRC का विरोध किया।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गये विवादित सिटिज़नशिप अमेंडमेंट बिल को लोकसभा में पास करा लिया गया। इसके बाद यह बिल राज्यसभा में पेश किया गया, जहां पर जदयू ने इस बिल का वैसे ही समर्थन किया, जैसे लोकसभा में किया था। ज्ञात होकि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू भले ही भाजपा के साथ गठबंधन में है। पर जदयू खुद को एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताती आई है। इसलिए उससे ऐसी उम्मीद की जा रही थी, कि नीतीश की पार्टी इस विवादित धर्म आधारित नागरिकता देने वाले बिल का समर्थन नहीं करेगी। पर हुआ इसके विपरीत, जदयू ने लोकसभा में इसके समर्थन में वोट किया और राज्यसभा में भी समर्थन में खड़ी रही । जिसके बाद पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भारी नाराजगी ज़ाहिर की है।
यही वजह है कि जदयू के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। न सिर्फ़ जदयू बल्कि अन्य राज्यों की वो सभी पार्टियां जो खुदको सेकुलर घोषित करती हैं और इस नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करती हैं। उन पार्टियों ( टीआरएस , YSR कांग्रेस, जदयू, एआईडीएमके ) के विरुद्ध भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
इस बिल का व्यापक विरोध पूर्वोत्तर राज्यों में भी देखा जा रहा है। इसी के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में इस बिल के विरोध में प्रदर्शन जारी हैं। राजधानी दिल्ली, लखनऊ और भोपाल, पटना व अन्य शहरों से भी विरोध की खबरें या रही हैं। असम के अलग–अलग हिस्सों में भारी विरोध के बाद पूरे असम में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। साथ ही असम के अलग-अलग हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कश्मीर से पैरा मिलिट्री फोरसेज़ को असम भेजा जा रहा है।