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भाजपा नेत्री को कहा था विषकन्या, अब खुद हुए भाजपा में शामिल

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मध्यप्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनावों की हलचल साफ़ दिखाई दे रही है, छिंदवाड़ा सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री को जहां कांग्रेस ने प्रदेश का नेतृत्व सौंप दिया है. वहीं भाजपा ने भी कमर कस ली है. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के सिवनी विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक दिनेश राय मुनमुन ने भाजपा जॉइन कर ली है.
बताया जाता है, कि मुनमुन राय प्रदेश भाजपा सरकार में मंत्री और कई कोयला खदानों के मालिक संजय पाठक के करीबी हैं, उनकी इसी निकटता और जबलपुर सांसद राकेश सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद की गई कोशिशों का नतीजा है. कि मुनमुन राय भगवा खेमे में शामिल हो गए हैं.
ज्ञात होकी दिनेश राय मुनमुन एक विवादित चहरे के रूप में विख्यात हैं, पूर्व भाजपा नेताओं द्वारा उन पर खुलेआम कई आरोप लगाए जा चुके हैं, अब देखना ये है कि क्या आरोप लगाने वाले भाजपा नेता मुनमुन राय पर लगाये आरोपों पर और मुनमुन राय भाजपा पर लगाये आरोपों पर कायम रहेंगे.

भाजपा नेता को कहा था विषकन्या

ज्ञात होकि मुनमुन राय हर वर्ष जनता की अदालत के नाम पर एक भव्य डांस शो करवाते हैं, जिसमे बोलीवुड कलाकारों और डांसरों को बुलाया जाता है. इसके अलावा कई बार मुनमुन राय भाजपा के विरोध के नाम पर भीड़ भी इकठ्ठा करते रहे हैं.
मुनमुन राय ने एक सभा में जनता के सामने भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व भाजपा विधायक व सांसद नीता पटेरिया को विषकन्या कहा था. साथ ही भाजपा पर तरह तरह के आरोप भी लगाए थे. फिलहाल दिनेश राय मुनमुन उसी भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बन चुके हैं. देखें वीडियो

मध्यप्रदेश की सिवनी विधानसभा से निर्दलीय विधायक दिनेश राय मुनमुन के भाजपा में शामिल होने के बाद जो कुछ सवाल सामने आये हैं.

१) क्या प्रदेश भाजपा द्वारा पार्टी में शामिल किये गए मुनमुन राय को स्थानीय स्तर के भाजपा नेता स्वीकार कर पायेंगे. क्योंकि जब मुनमुन राय विधायक थे, तो सिवनी ज़िले की लगभग पूरी भाजपा ने एक सुर में मुनमुन पर कई तरह के झूठे वादे करने के आरोप लगाए थे.
२) सभी को ज्ञात है, कि ज़िले के कई शीर्ष भाजपा नेताओं से मुनमुन राय की बिलकुल भी नहीं पटती, बल्कि जब लखनादौन नगर पालिका से मुनमुन राय के बड़े भैया लड़ रहे थे. तब सिवनी शहर से भाजपा के लोगों ने चंदा करके मुनमुन के खिलाफ़ चुनाव प्रचार के लिए भेजा था. क्या सभी चंदा देने वाले लोग मुनमुन को अपना नेता स्वीकार करेंगे ?

३) 2013 विधानसभा चुनावों में दिनेश राय मुनमुन भाजपा और कांग्रेस के विरोधी वोटर के काँधे पर बैठकर विधानसभा पहुंचे थे. क्या वो वोटर उन्हें फिर से वोट देगा.
४) क्या भाजपा के अन्य दावेदार जो टिकट के लिए दिन रात महनत कर रहे थे, वो दिनेश राय मुनमुन की भाजपा से दावेदारी को सहजता से स्वीकारेंगे ?
५) जब मुनमुन राय निर्दलीय चुनाव जीतकर आये थे, तब उनके मुताबिक़ उनके कार्यों पर रोड़े डाले जा रहे थे. तब उन्होंने ज़िले की जनता के हित में भाजपा जॉइन क्यों नहीं की, क्योंकि उनके मुताबिक़ वो जनता के कार्य करवाने हेतु भाजपा में शामिल हुए हैं.
६) क्या मुनमुन राय को जनता का ये हित पिछले चार साल में नज़र नहीं आया, चुनावी साल में जब आचार संहिता कुछ दिन की बची है. तब उन्हें ज़िले की जनता का हित नज़र आया.
७) क्या भारतीय जनता पार्टी के वो नेता जिन्होंने मुनमुन के भाजपा में शामिल होने के पहले मुनमुन का हमेशा पुरजोर विरोध किया है, वो अपने स्टैंड पर कायम रहेंगे ?
८) क्या मुनमुन राय के साथ घूमने वाले वो लोग जो दिन रात भारतीय जनता पार्टी को गरियाते रहे हैं. वो मुनमुन राय के इस क़दम में उसके साथ हैं. अर्थात क्या वो भाजपा की नीतियों से अब अपनी सहमती दर्ज करवायेंगे.
९) क्या पिछले चुनावों में जिन जिन भाजपा विरोधी लोगों ने मुनमुन का झन्डा थामा था, अब भाजपा में जाने के कारण भूतपूर्व निर्दलीय और वर्तमान नए नए भाजपाई मुनमुन राय के साथ वो लोग रहेंगे ?
सवाल बहुत हैं, जो जनता पूछना चाहती है, क्योंकि ये जनता की अदालत भीड़ इकठ्ठा करके शो दिखाकर पूछने वाले अदालत नहीं. ये जनता की चुनावी अदालत का समय है? जनता है, सवाल तो पूछेगी.
लोगों का कहना है, कि क्या वास्तव में मुनमुन राय पहले से ही भाजपा के लिए सिम्पेथी रखते थे और भाजपा विरोधी वोट की पीठ में सवार होकर विधानसभा पहुंचे थे. इतना ही नहीं लोग ये भी पूछ रहे हैं, कि क्या इस चुनाव में मुनमुन राय पहले की तरह  सिवनी ज़िले की जनता फिर से बेवकूफ बना पायेंगे ?
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