कोरोना के आंकड़ों को लेकर बीजेपी शासित तीन प्रदेशों में हुआ बड़ा घपला – कांग्रेस

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उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने बीजेपी पर कोरोना के दौरान हुई मौतों के आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगाया है और साथ ही इस्तीफ़े की मांग भी की है। कांग्रेस का कहना है कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना के दौरान होने वाली मौतों का आंकड़ा छिपाया है। इसीलिए योगी आदित्यनाथ, शिवराज सिंह चौहान और विजय रूपाणी को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

न्यायिक जांच की है मांग

कांग्रेस ने देश के मुख्य विपक्षी पार्टी होने के नाते प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में न्यायिक जांच की मांग भी की है। कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है की देश में कोविड के दौरान होने वाली मौतों का सही आंकड़ा जारी करें और संबंधित आंकड़े छिपाने वालों की जवाबदेही तय करने के लिए न्यायिक जांच भी कराई जाए।

एमपी में एक महीने मरने वालों की संख्या एक लाख सत्तर हजार

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक खबर का हवाला देते हुए कहा है कि “170,000 मौत अकेले मई में सिर्फ मध्य प्रदेश में जो न सोचा, न सुना, वो सत्य सामने है। मध्य प्रदेश में अकेले मई माह में छह महीने के बराबर मौतें हो गईं. इंसान की जान सबसे सस्ती कैसे हो गई? क्यों आत्मा मर गई? कैसे शासन पर बैठे हैं शिवराज? प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री सामने आएं, बताएं कि कौन जिम्मेदार ?”

एनडीए का मतलब ही ‘नो डेटा अवेलेबल’: पवन खेड़ा

रणदीप सुरजेवाला के अलावा कांग्रेस के एक और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि “एनडीए का मतलब ही ‘नो डेटा अवेलेबल’ (कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं) है। पवन खेड़ा आगे कहते हैं, अर्थव्यवस्था, रोजगार और नौकरियों के आंकड़े छिपाए जा रहे थे। अब मरने वाले लोगों का भी आंकड़ा छिपाया जा रहा है। जो काफी दुखद है। बीते महीने मई में केवल मध्य प्रदेश में मौत का आंकड़ा 1,70,000 रहा। जबकि सरकारी आंकड़ा कहता है कि एमपी में मई महीने में कोविड से मरने वालों की संख्या सिर्फ 2,451 लोगों की मौत हुए है। दरअसल, हकीकत ये है कि मरने वाले लोगों का आंकड़ा छिपाया गया है। इतना ही नहीं गुजरात और यूपी भी सरकार ने सही आंकड़ा नहीं बताया गया है। दोनों राज्यों से ऐसी कई खबरें सामने आती रही हैं, जिससे राज्य सरकारों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

पवन खेड़ा का दावा है, ‘ऐसा लग रहा है कि बीजेपी शासित राज्यों में कोविड से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने की होड़ लगी हुई है। क्या आंकड़े छिपाने वाले इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कुर्सी पर बने रहने का नैतिक अधिकार है? राज्यों के प्रति मुख्यमंत्रियों की जवाबदेही होती है। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।’