आज ( 6 मार्च 2023 ) को महिला दिवस के मौक़े पर याद ए बेग़मात भोपाल सेमिनार का आयोजन किया गया । जिसमें कॉलेज के छात्र और छात्राओं ने भोपाल की महिला शासिकाओं जिन्हें बेगम ए भोपाल कहा जाता है। उनके भोपाल शहर की तरक्की में योगदान पर बात की। सेमिनार की अध्यक्षता शहर के मशहूर आर्किटेक्ट Sm Hussein ने की। वहीं सेमिनार को हिस्ट्री की प्रोफेसर विभा राठोर, प्रोफेसर अशर किदवई, प्रोफेसर दीपक कुमार ने संबोधित करते हुये भोपाल के विकास में बेगमात के योगदान को याद किया और सराहा।
आर्किटेक्ट प्रोफेसर डॉक्टर सविता राजे को भोपाल शहर में उनके योगदान के लिए “निशान ए शाहजहानी सम्मान” दिया गया।
प्रोफेसर विभा राठोर ने कहा भोपाल की बेगमात ही असली महिला सशक्तिकरण की पहचान हैं, उन्हीं के कारण महिलायें सियासत में आगे आई। नवाव शाहजहांबेगम ने सांची स्तूप को दोबारा सहेजा इसको नहीं भुलाया जा सकता।
प्रोफेसर दीपक कुमार ने कहा- भोपाल की बेगमात ने भोपाल शहर को संवारा और नये भोपाल का निर्माण किया। प्रोफ़ेसर अशर किदवई ने कहा उस दौर में सुल्तान जहाँ बेगम ने लड़कियों की तालीम के लिए शहर में नये स्कूल खुलवायें। वूमेंस क्लब वुमन कांफ्रेंस उस दौर में भोपाल में हुआ करती थी।
वहीं आर्किटेक्ट प्रोफेसर डॉक्टर सविता राजे ने कहा शाहजहांबेगम बेमिसाल बेगम थी। उन्होने शाहजहांनाबाद के नाम से एक नया छोटा शहर बसाया, जिसका ड्रेनेज सिस्टम बेमिसाल था। सेमिनार के मुख्य अतिथी SM हुसैन ने कहा क़िला फतेहगढ़ का बनना भी एक महिला की वजह से हुआ। भोपाल की बेगमात ने इंसाफ़ के साथ हुक्मरानी की।
सेमिनार के आयोजक बरकतुल्लाह यूथ फोरम भोपाल के कॉर्डीनेटर अनस अली ने कहा भोपाल की बेगमात ने एक सदी से ज़्यादा शासन किया, जोकि दुनिया में बेमिसाल है। सेमिनार के आख़िर में सेमिनार में हिस्सा लेने वाले छात्रों को मोमेंटों दिये गये।