0

तो POK व अक्साई चीन होता भारत का हिस्सा – वायु सेना प्रमुख

Share

नई दिल्ली: वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्ज़े वाला कश्मीर आज भी हमारे गले की हड्डी बना हुआ है, लेकिन अगर पहले की लड़ाइयों में वायुसेना का सही इस्तेमाल होता तो हालात कुछ और होते. यह पहला मौका है, जब कश्मीर को लेकर किसी वायुसेना प्रमुख ने ऐसी बात कही है. भारतीय वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने यह बात दिल्ली में एक सेमिनार में सीधे तौर पर कही. वायुसेना प्रमुख ने कहा कि पीओके अभी भी हमारे आंखो में चुभता है.
वैसे, पाकिस्तान के साथ अब तक हुई लड़ाइयों और झड़पों में वायुसेना का इस्तेमाल कम हुआ है. सिर्फ 1971 में वायुसेना पूरी ताकत से जंग में उतरी और तस्वीर बदल गई. 1965 की जंग में वायुसेना का इस्तेमाल हुआ ही नहीं, जबकि 1947 और 1999 के करगिल में वायुसेना की भूमिका सीमित रही. वायुसेना प्रमुख के मुताबिक लड़ाई के दौरान हमने वायुसेना का सही इस्तेमाल नहीं किया.
अपने रिटायरमेंट से तीन महीने पहले यह सब कहकर वायुसेना प्रमुख ने इशारों में उस वक़्त की सरकारों (1965 लालबहादुर शास्त्री और 1999 अटल बिहारी वाजपेयी सरकार)  पर ही निशाना साधा है. वायुसेना को इस बात का भी मलाल है कि 1962 में चीन के साथ हुई जंग में भी उसे मौके नहीं मिले, वरना हालात वहां भी कुछ और होते.

Exit mobile version