कोलकाता: दोबारा सत्ता में आई ममता सरकार पश्चिम बंगाल का नाम बदले जा रही है। स्टेट कैबिनेट ने राज्य का नाम बदलकर ‘बांग्ला’ या ‘बोंगो’ रखने को मंजूरी दे दी है।एजुकेशन मिनिस्टर पार्थ चटर्जी ने मंगलवार को कहा, “नए नाम को हरी झंडी देने के लिए 26 अगस्त को असेंबली का स्पेशल सेशन बुलाया गया है। अंग्रेजी में राज्य का नाम Bengal लिखा जाएगा”
– एक सीनियर अफसर ने बताया कि सरकार पश्चिम बंगाल के नाम से West हटाना चाहती है, ताकि अल्फावेटिकल ऑर्डर में स्टेट की पोजिशन ऊपर आ सके।
– अगर असेंबली में राज्य के नए नाम को मंजूरी मिल जाती है तो अल्फावेटिकल ऑर्डर में इसकी पोजिशन 28 से सीधे 4 हो जाएगी।
– मुख्यमंत्री ममता ने पिछले महीने दिल्ली में हुई इंटर स्टेट काउंसिल की मीटिंग में भी इस मुद्दे पर बात की थी।
– बता दें कि ममता सरकार ने 2011 में भी नाम ‘पश्चिमबंगो’ करने की बात कही थी। तब अपोजिशन (CPIM) ने टीएमसी की इस पहल का सपोर्ट किया था।
– इसके पहले स्टेट की राजधानी कलकत्ता का नाम बदलकर कोलकाता किया जा चुका है। यह वाममोर्चा के जमाने में हुआ था।
– अल्फावेटिकल ऑर्डर बदलने के लिए उड़ीशा ने भी अपना नाम बदलकर ओडिशा कर लिया था।
– बताया जा रहा है कि बंगाल के सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा में नाम बदलने का फायदा मिलेगा।
– वे सेशन के पहले हाफ में ही लोकल इश्यूज को उठा सकेंगे। फिलहाल सांसदों को लंच के बाद बोलने का मौका मिलता है।
– आमतौर पर लंच के बाद सदन में मेंबर्स की संख्या कम हो जाती है।
– बंगाल सेक्रेटेरियट के सीनियर अफसर ने कहा कि पिछले महीने हुई इंटर स्टेट काउंसिल की मीटिंग में हमारी सीएम को बोलने के लिए सिर्फ 10 मिनट मिले थे।
– क्योंकि अल्फावेटिकल ऑर्डर में वेस्ट बंगाल का नंबर राज्यों में 28th है। ममता पीएम मोदी से कई मुद्दों पर बात करना चाहती थीं, लेकिन सेशन खत्म हो गया।
– आखिरी स्पीकर होने के चलते उनकी बातों को किसी ने ठीक से नहीं सुना था।