सरकारी स्कीम द्वारा जयपुर के भिखारियों को मिलेगी इज्जत की कमाई

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राजस्थान सरकार ने राज्य में भीख मांगने वाले लोगों के लिए एक नई पहल की शुरूआत की है। इस पहल के तहत राजस्थान सरकार का लक्ष्य राज्य को मजबूरी मेें भिक्षा मांग रहे लोगों की मदद करना व राज्य को जबरन भिक्षावृत्ति को खत्म करना है। जिसके तहत सरकार द्वारा जयपुर के कई इलाकों में भिखारियों को राजस्थान कौशल और आजीविका विकास निगम (आर.एस.एल.डी.सी) के द्वारा एक साल की ट्रेनिंग कराई गई है। यानी अब तक कम से कम 60 भिखारियों को “वोकेशनल ट्रेनिंग फॉर लाइफ विद डिग्निटी” योजना के चलते काम दिया जा चुका है।

किसी को मानसिक तौर पर कमाने के लिए तैयार करना कठीन कामः नीरव .के. पवन

जिन लोगों को इस स्कीम के तहत रोजगार मिला है, वह सरकार की स्कीम से काफी खुश है।  वहीं राजस्थान के स्किल एंड लाइवलीहुड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन नीरव के.पवन नेए.एन.आई के एक इंटरव्यू में अपना अनुभव बताते हुए कहा कि ‘किसी को मनोवैज्ञानिक रूप से कमाने और सीखने के लिए तैयार करना, एक कठीन काम है। इस ट्रेनिंग के दौरान लोगों को तैयार करने में 15-20 दिन लगते थे।’ पवन ने आगे बताया, “विभिन्न क्षेत्रों के भिखारियों को एक साल का प्रशिक्षण दिया गया है। सरकार का लक्ष्य 100 भिखारियों का है, जिसमें से अभी 60 का ही प्रशिक्षण हुआ है और बाकी लोगों का चल रहा है। उन्होंने कहा- कि राजस्थान के मुख्यमंत्री का सपना राज्य को भिखारियों से मुक्त कराना और नया जीवन देना है।

एक समय के बाद सब व्यवस्थित हो गए

रेड पेपर रेस्टोरेंट के निदेशक राजीव कंपानी ने कहा, कि यहां 20 लोगों की ट्रेनिंग हुई है। शुरुआत में ट्रैनिंग देना थोड़ा मुश्किल काम था। परंतु एक समय के बाद सब व्यवस्थित हो गए। जिसमें 15-20 दिन लगभग लग ही जाते हैं। राजीव ने आगे भी ऐसे कर्मचारियों के साथ काम करने की इच्छा जताई है। उन्होंने आगे कहा, ‘ ऐसे और लोगों के साथ काम करके हमें खुशी होगी।

मुकेश कुमार, जो रेस्टोरेंट के एक कर्मचारी है उन्होंने बताया कि वह इज्जत की नौकरी पाकर  बहुत खुश हैं। कुमार ने कहा , “मैं बहुत खुश हूं क्योंकि हमें ट्रेनिंग दी गई और इसके बाद फिर नौकरी भी मिल गई।

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