समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आजम खां के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। अब इन मुकदमों को फर्जी बताते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट इस मामले को संयुक्त राष्ट्र संघ तक ले जाने की बात कर रहे हैं। मूल रूप से उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान ने बुधवार को इस मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि उन्होने 7 जुलाई को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में एक याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होने रामपुर के सपा सांसद के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को फर्जी बताया है। और कहा है कि यह मानवाधिकार उल्लघंन है।
मानवाधिकार आयोग ने उनकी यह यचिका याचिका को 10 अगस्त को दाखिल की थी। जबकि 16 अगस्त को याचिका को इस याचिका को खारिज कर दिया गया। आयोग ने कहा कि यह न्यायपालिका के क्षेत्र का मामला है, इसलिए इस पर विचार नहीं किया जा सकता।
अधिकतर मामलों में मिल चुकी है ज़मानत
दानिश खान ने बताया कि आजम खान के खिलाफ अधिकतर मामलों में जमानत मिल चुकी है, इसके बावजूद उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उनका कहना था कि मानवीय संवेदनाओं को देखते हुए मानव अधिकार आयोग को इस मामले पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपनी याचिका में आजम खान के अलावा देश में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की बात कही है। अब जब मानवाधिकार आयोग ने इस अर्जी को खारिज कर दिया है, तो वो इसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संघ में जायेंगे। इस सिलसिले में वह अगले एक दो दिन में ई-मेल के जरिये अपनी बात यूएनओ के समक्ष पेश करेंगे।