Hafeez Kidwai

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नज़रिया – वरवर राव तो स्वस्थ्य हो जाएँगे, मगर हमारा मस्तिष्क….. ?

  • July 17, 2020

सुकरात को जब ज़हर का प्याला दिया गया तो उसके इर्द गिर्द बहुत से क़ाबिल लोग बैठे थे । एक से एक कलाकार सुकरात को ज़हर...

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सर सैयद अहमद – वो जो भारतीय मुसलमानों को पढ़ा लिखा देखना चाहते थे

  • October 17, 2018

उसने किसी मुल्ला की तरह क़ौम के कसीदे नही पढ़े। किसी धर्मगुरु की तरह धर्म की रक्षा का उद्घोष नही किया। किसी पादरी की तरह जीसस...

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नज़रिया – इंसानी खून की कोई कीमत नहीं, क्या आप राक्षस बन चुके हैं ?

  • September 18, 2018

मुझे पता है यह जो मैं लिखने जा रहा हूँ, उससे आप कन्नी काटकर चुपचाप निकल जाएँगे । मेरे लफ़्ज़ आपके गिरेहबान तक तो जाएँगे चाहे...