यूपी डायरी : पार्ट 2 – डर की काई से लिपटी सेंट्रो (मुज़फ्फ़रनगर से ग्राउन्ड रिपोर्ट)
मुज़फ्फरनगर का सरवट इलाका, मेन सिटी से थोड़ी दूर। यहां एक लाइन से कंस्ट्रक्शन और लकड़ी के सामान से जुड़ी कई दुकान हैं। इसी पंक्ति के...
मुज़फ्फरनगर का सरवट इलाका, मेन सिटी से थोड़ी दूर। यहां एक लाइन से कंस्ट्रक्शन और लकड़ी के सामान से जुड़ी कई दुकान हैं। इसी पंक्ति के...
मेरठ में एक जगह है, लिसाड़ी गेट थाना इलाका । वहां एक रिहाइश है कांच का पुल कॉलोनी । इस जगह समाज का वो तबका रहता...
कहीं पढ़ा था कि गुलजार साहब टॉलस्टॉय के एक वाक्य से बेहद प्रभावित हैं। ‘ तब तक मत लिखो, जब तक उसे लिखे बिना रह नहीं...
जब संस्थाएं दीवार की तरह गिरती हैं, तो उनके मलबे में धीरे-धीरे सब दब जाता है … सबसे पहले शुरुआत तार्किकता से होती है, फिर उसकी...
बात बीते साल की है, दिसंबर महीने के एक ठंडे दिन बीजिंग के खूबसूरत ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में एक खास राजकीय मेहमान को रेड कारपेट...
ज्यादा दिन नहीं बीते हैं,जब साहित्यकार दामोदर माऊजो ने कहा था कि सनातन संस्था कैंसर की तरह है,इसे बैन कर देना चाहिए। कलबुर्गी ,दाभोलकर से लेकर...
रॉकेट साईंस नहीं है। हम पिछले साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स में तीन पायदान नीचे सरक गए,यानी 119 देशों की लिस्ट में भारत 97 से 100 वें...
अक्टूबर 1985 का एक दिन था। अंग्रेजी अखबार फायनेंशनल एक्सप्रेस और पीटीआई दोनों ने बॉम्बे डाइंग हाऊस के खिलाफ़ एक खबर और एडिटोरियल दोनों छापे। रामनाथ...
अरूण शौरी कई बार सीधा बोलते हैं,कई बार तीखा बोलते हैं। लेकिन बोलते सही हैं। आज वो मन की बात वाली किताब पर सवाल उठा रहे...
चंद रोज़ से पहले हॉलीवुड के डॉल्बी थियेटर में बीते साल दुनिया छोड़ने वाले कलाकारों में जब शशि कपूर की तस्वीर दिखाई गई, ,उस वक्त नम...
हमें नहीं लगता कि दोषियों को सज़ा मिल पाएगी । अब तक जो आरोपी हैं वो पकड़े तक नहीं जा सके हैं ।” पहलू के बेटे...
मता-ए-लौह-ओ कलम छिन गई तो क्या गम है कि खून ए दिल में डूबो ली हैं उंगलियां मैंने RIP Freedom of Expression फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का...