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अपने पैतृक गाँव में हुआ इस शहीद का अंतिम संस्कार

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जब तक सूरज – चांद रहेगा – राजेन्द्र नैण तेरा नाम रहेगा, इसी नारे के साथ पैतृक गांव में शहीद का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया . चूरू के लाल  जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 31 दिसम्बर की रात्रि सीआरपीएफ कैम्प पर आंतकवादियों द्वारा किए गए हमले के दौरान चूरू जिले के शहीद हुए 26 वर्षीय सैनिक राजेन्द्र नैण का मंगलवार को उनके पैतृक गांव गौरीसर में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.
अंतिम संस्कार से पूर्व सैन्य जवानों द्वारा शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मान दिया गया.  इस मौके पर राजस्थान के देवस्थान राज्य मंत्री राजकुमार रिणवां, जिला प्रमुख हरलाल सहारण, जिला कलक्टर ललित कुमार गुप्ता, पुलिस अधीक्षक राहुल बारहठ, राज्यसभा सांसद नरेन्द्र बुढानिया, उपखण्ड अधिकारी (रतनगढ) संजू पारीक, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर रामकुमार कस्वां, पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां, डॉ. वासुदेव चावला, ऑलम्पियन कृष्णा पूनियां, सैन्य एवं पुलिस अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों ने शहीद राजेन्द्र नैण के पार्थिक शरीर पर पुष्प चक्र एवं माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.

शहीद को सैन्य टुकड़ी ने 21 तौपों से सलामी दी एवं शहीद के चाचा के बेटे सुभाष ने शहीद को मुखाग्नि दी.


जिले की रतनगढ तहसील के गांव गौरीसर में 4 सितम्बर 1989 को पिता सहीराम नैण के घर जन्में शहीद राजेन्द्र नैण को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गौरीसर एवं आस-पास के गांव दाऊदसर, लधासर, जालेऊ, रतनसरा, सहला के सैकड़ों युवाओं, महिलाओं एवं बुजुर्गों ने नम आंखों से देश के लाल शहीद राजेन्द्र नैण को श्रद्धांजलि दी. अंतिम यात्रा के दौरान सैकडों गणमान्यजनों ने ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा- राजेन्द्र नैण तेरा नाम रहेगा‘‘, हिन्द की सेना – जिंदाबाद, देश का लाल- जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे से आसमां को गुंजायमान कर दिया.
गांव की महिलाओं ने श्मशान घाट पहुंचकर देश के शहीद राजेन्द्र नैण को अपनी अंतिम श्रद्धाजंलि दी.
सीआरपीएफ, 130 बटालियन शहीद राजेन्द्र नैण अपने पीछे पिता सहीराम (65 वर्ष), माता सावित्री (60 वर्ष), पत्नी प्रियंका (22), बेटी मिस्ठी (2 वर्ष), दो भाई भागीरथ (38) व जैनाराम (34), बहिन अमृता (30) व शारदा (24) को छोड़कर गए है.