- यूपी गेट पर जमा हुए किसानों ने एक बार फिर आंदोलन तेज करा।
- देहरादून और दिल्ली के किसानों को गिरफ्तार करने के बाद यूपी गेट पर नाराजगी दिखी।
शनिवार को दोपहर करीब 3:00 बजे आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात की और किसानों की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
टिकैत ने कहा कि हम अपने साथियों की गिरफ्तारी के लिए कुछ नहीं करने जा रहे हैं सरकार चाहे तो उन्हें तिहाड़ भेज दे या फिर उपराज्यपाल से मुलाकात करवाएं।
शनिवार को ही राकेश टिकैत ने सरकार पर यह आरोप लगाया की दिल्ली में उप राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे भाकियू राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और दूसरी तरफ देहरादून में भी राष्ट्र भवन जाने वाले किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है जहां कोई ज्ञापन भी नहीं दे सकता। राज्यपाल सबके हैं।
राकेश टिकैत ने दी चेतावनी
राकेश टिकैत ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए सरकार को यह चेतावनी दी कि या तो वह किसानों को तिहाड़ भेज दे या फिर रिहा कर दे। अन्यथा किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे। हालांकि किसानों के साथ उपराज्यपाल की वर्चुअल मीटिंग के बाद राकेश टिकैत ने दिल्ली कूच का निर्णय वापस ले लिया।
ट्रैक्टर मार्च से करेंगे विरोध प्रदर्शन
राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि देशभर में कोरोना गाइडलाइन को मद्देनजर रखते हुए और ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे। जुलाई महीने के लिए दो ट्रैक्टर मार्च की घोषणा टिकैत ने की है।
उन्होंने जानकारी दी कि 9 जुलाई को बागपत और शामली के किसान ट्रैक्टर मार्च से दिल्ली की ओर बढ़ेंगे और 10 जुलाई को यह ट्रैक्टर मार्च सिंधु बॉर्डर पहुंचेगा। इसके बाद 24 जुलाई को एक और ट्रैक्टर मार्च बिजनौर और मेरठ जनपथ के किसान निकालेंगे।
24 जुलाई रात ट्रैक्टर मार्च का पड़ाव मेरठ के सिवाया टोल पर होगा और 25 जून को मार्च गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेगा,इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि आगे भी ऐसे मार्च दिल्ली की ओर आते रहेंगे।
राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की अफवाह उड़ी
जब किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया तो सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने लगी कि राकेश टिकैत को भी गिरफ्तार कर लिया गया है परंतु राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर अकाउंट से बताया कि यह अफवाह के अलावा कुछ भी नहीं है।
मैं गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद हूं और सब कुछ सामान्य है, संयम बनाए रखें। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि यह सरकारी साजिश है, सरकार शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों को भड़काना चाहती है।