दुबई में काम करने वाले रोनी सिंह, जो transguard के लिए काम करता था ,को उसकी कम्पनी ने नौकरी से निकाल कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने cyberlaw नम्बर 5,2012 के अंतर्गत उसको सोशल मीडिया के दुरुपयोग का आरोपी मानते हुए देश से निकाल दिया। transguard के एमडी ग्रेग वार्ड ने कहा कि ऐसे मुद्दों को लेकर हमारी शून्य बर्दाश्त नीति है इसी कारण उसको तत्काल प्रभाव से निकाल कर ऑथोरिटी के हाथों में दे दिया।
पिछले साल एक अन्य 56 वर्षीय आदमी को दुबई से निकाला था जब उसने केरल के मुख्यमंत्री के घर की औरतों के लिए बलात्कार की धमकी दी थी ( जी हां, वहाँ “तेरी बह^#^#*$ दूंगा ” को बलात्कार की धमकी के तौर पर लिया जाता है) उससे पहले 2017 में राणा अयूब को गाली देने वाले एक गालीबाज को भगाया था।
दुख की बात यह है कि ज़्यादातर ऐसे लोग भारत से संबंधित है। दुबई में सदियों से भारतीय है लेकिन कभी तो भारतीयों को इस तरह नही निकाला जाता था क्योंकि पहले भारतीय भी ऐसी टिप्पणी नही करते थे। भारतीयों को लेकर सोच पूरी दुनिया मे बदल रही है और इसके ज़िम्मेदार ऐसे लोग है जो खूब गाली गलौज करके दूसरे भारतीयों को बदनाम कर रहे है।
गंभीरता से कह रहा हूँ इस समय भारतीय स्कूलों में एक पाठ “दूसरे का सम्मान” पढ़वाने की बहुत जरूरत है। इसके प्रैक्टिकल की तो और ज़्यादा ज़रूरत है इसके लिए हम बच्चों को उन लोगो, जातियों के पास लेजाना चाहिए जिनके नाम को हम गाली के रूप में इस्तेमाल करते है, औऱ वहां जाकर उनसे गले मिलकर माफी और भविष्य में सम्मान देने की कसमें खिलवानी चाहिए, पर अब जहां लोग विदेश मंत्री को गाली देने से नही चूक रहे, ऐसे लोग क्या अपने बालको को ऐसी शिक्षा देंगे?