क्यों पड़े भास्कर समूह और भारत समाचार के दफ्तरों में IT के छापे ?

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Heena Sen

देश भर में मीडिया ग्रुप दैनिक भास्‍कर (Media group Dainik Bhaskar) के किया ऑफिस पर इनकम टैक्स की रेड डाली गई है। भास्कर के कई राज्यों के ऑफिसों में गुरुवार की सुबह इनकम टैक्स की टीमें छापा मारने पहुंची थीं। मीडिया 2w की माने, तो भास्‍कर ग्रुप पर कर चोरी का आरोप लगाया गया है।

न्‍यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि इनकम टैक्स के अधिकारियों ने दैनिक भास्‍कर के दिल्‍ली, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, गुजरात और महाराष्‍ट्र के ऑफिस में जाकर सभी की तलाशी ली है। यही नहीं, ग्रुप के प्रमोटर्स के घरों और ऑफिसों पर भी छापेमारी की गई। एनडीटीवी के हवाले से दैनिक भास्कर के एक वरिष्ठ संपादक ने बताया कि भास्‍कर ग्रुप के जयपुर, अहमदाबाद, भोपाल और इंदौर ऑफिसों पर छापेमारी की जा रही है।

भास्कर के साथ भारत समाचार के ऑफिस पर भी की गई रेड

आईटी के निशाने पर सिर्फ भास्कर ही नहीं है बल्कि यूपी में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला चैनल भारत समाचार (Bharat samachar) भी शामिल है। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने भारत समाचार के लखनऊ ऑफिस सहित संपादक के घर की तलाशी भी ली है।

दावा किया जा रहा है कि भारत समाचार की चैनल की ओर से टैक्‍स चोरी के पुख्‍ता सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर यह छापेमारी की जा रही है। गौरतलब हो कि भारत समाचार की हालिया रिपोर्टिंग में यूपी सरकार की जमकर आलोचना की गई थी।

भास्कर ने भी छिपाए जा रहे आंकड़ों की खोली थी पोल

भारत समाचार के साथ भास्कर ने भी कोरोना के समय भोपाल और इन्दौर में हो रही मौतों की ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी। जिसमें भोपाल और इन्दौर में रोजाना करीब 100 मौतें रोजाना हो रही थीं। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि भास्‍कर ग्रुप ने सरकार के ‘कोविड कुप्रबंधन (Covid “mismanagement)’ को लेकर रिपोर्टिंग की थी, इसलिए यह छापे मारे गए।

विपक्ष के जयराम रमेश ने ट्वीट कर सरकार लगाया आरोप

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘अपनी रिपोर्टिंग के जरिये दैनिक भास्‍कर ने मोदी सरकार के कोविड-19 महामारी के ‘कुप्रबंधन’ को उजागर किया था। अब इसकी कीमत उसे चुकानी पड़ रही है। यह अघोषित आपातकाल है इसके अलावा अरुण शौरी ने भी इस खबर पर ट्वीट करते हुए लिखा कि यह मोडिफाइड इमरजेंसी (Modified Emergency) है। ‘

सरकार की विभिन्न असफलताओं को किया था उजागर

आपको बता दें कि देश के सबसे बड़े मीडिया ग्रुप में से एक, दैनिक भास्‍कर ने अप्रैल और मई के महीने में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण भयानक त्रासदी की मुखरता से रिपोर्टिंग की थी। दैनिक भास्कर ने कोरोना महामारी के समय आधिकारिक दावों पर आलोचनात्मक रिपोर्टों की एक सीरीज प्रकाशित की थी। इसमें ऑक्‍सीजन, हॉस्पिटल बेड और वैक्‍सीन की कमी के कारण लोगों को हुई भारी परेशानी को और मौतों को रेखांकित किया गया था।

भास्कर की ही इसकी कवरेज ने यूपी और बिहार के कस्‍बों में गंगा नदी में तैरते कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों की भयावह स्थिति को देश के सामने उजागर किया था। संभवत: शवों के अंतिम संस्‍कार करने के लिए साधनों की कमी के कारण ऐसा किया गया था। इसी रिपोर्टिंग में यूपी में गंगा नदी कि किनारे पर उथली कब्रों में दफन शवों के बारे में भी खुलासा किया गया था।

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