फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को एक बार फिर से जनता के बीच अपमानित होना प। जिसकी वजह पड़ा। इस वजह से वह एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। आपको बता दें कि पहले भी जून में मैक्रो को दक्षिणी पूर्वी फ्रांस के छोटे से कस्बे में एक व्यक्ति ने उस दौरान थप्पड़ मार दिया था। जब वह जनता का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें जनता के बीच इस तरह अपमानित किया गया, आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
पूरा मामला इस प्रकार है–
यह घटना मैक्रो के साथ तब घटी जब वह सोमवार को लियोन शहर में फ्रांसीसी भोजन बनाने की कला को बढ़ावा देने के लिए पहुंचे थे। उसी समय राष्ट्रपति मैनुअल कार्यक्रम में मौजूद अपने समर्थकों का अभिवादन कर रहे थे। तभी एक अंडा उनके बाएं कंधे पर आकर लगा और उछलकर उनके गाल से टकराया, लेकिन वह फूटा नहीं। जिसके बाद उनके चेहरे पर घबराहट साफ दिखाई दे रही थी।
इस घटना के बाद उनके सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत पीछे की तरफ खींच लिया और उनके दूसरे सुरक्षाकर्मी ने उनके चेहरे के आगे अपना हाथ कर लिया, जिससे दोबारा हमला ना हो सके। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति यह भी कहते सुने गए थे कि अगर ये प्रदर्शनकारी मुझसे कुछ कहना चाहता है तो उसे मेरे पास आने दो मैक्रो ने यह सब बातें सुरक्षाकर्मियों से कहीं।” मैं उसके बाद बात करूंगा। जाओ उसे ले जाओ”।
‘लांग लिव रेव्यूलेशन’ के लगे नारे-
सोमवार को लियोन शहर में फ्रांसीसी भोजन की कला को बढ़ावा देने के लिए पहुंचे मैंक्रो का प्रदर्शनकारियों ने विरोध करते हुए ‘लांग लिव रेव्यूलेशन’ के नारे लगाए गए। इस नारे का मतलब ‘इंकलाब जिंदाबाद’ होता है।
सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रदर्शनकारी को हिरासत में ले लिया गया है। प्रदर्शनकारी ने राष्ट्रपति पर हमला तब किया जब वो जनता को संबोधित कर रहे थे। इसी कारण मैक्रो को उस वक्त प्रदर्शनकारी से मामूली धक्का-मुक्की का भी सामना करना पड़ा।
जून में भी एक प्रदर्शनकारी ने मारा था थप्पड़-
दरअसल यह कोई पहला मामला नहीं है कि जब फ्रांस के राष्ट्रपति पर उनके कार्यक्रम में इस प्रकार का हमला किया गया हो। इससे पहले भी 4 जून को मैक्रो दक्षिण पूर्वी फ्रांस के डोम क्षेत्र में लोगों के साथ एक वॉकआउट फैशन में लोगों से मिलकर उनका अभिवादन कर रहे थे, तो एक प्रदर्शनकारी ने आकर उन्हें थप्पड़ मार दिया था।
इसके बाद दो प्रदर्शनकारियों को तुरंत हिरासत में ले लिया गया था। इन प्रदर्शनकारियों को 4 महीने जेल में रहने की सजा भी सुनाई गई थीं। फिलहाल फ्रांस सरकार ने प्रदर्शनकारी व्यक्ति को गिरफ्त में लेने के बाद से आगे की कार्यवाही को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।