बॉलीवुड में अभिनेता और असल जीवन में मसीहा कहे जाने वाले सोनू सूद अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। बीते कुछ दिनों से वह अपने घर और ऑफिस में आयकर विभाग की छापेमारी के कारण सुर्खियों में हैं। सोनू सूद के मुंबई वाले घर और ऑफिस के अलावा अलावा दिल्ली, गुरुग्राम, कानपुर, लखनऊ, जयपुर समेत 28 ठिकानों पर आयकर विभाग ने 4 दिनों तक छापे की कार्यवाही की थी।
उन पर आरोप लगाया जा रहा था, कि उन्होंने टैक्स की चोरी की है। 20 करोड़ रुपए की टैक्स की चोरी की है। साथ ही 2.1 करोड़ रुपयों का अवैध विदेशी दान लिया है। वहीं उनकी कंपनी पर करीब 65 करोड़ का फर्जी लेन-देन रखने का भी आरोप लगाया गया था। इसके अलावा जयपुर की एक नामी फर्म के साथ 175 करोड़ रुपए के लेनदेन का दावा भी किया गया था। इन सभी आरोपों के तहत आयकर विभाग ने सोनू सूद के घर पर छापेमारी की कार्यवाही की थी।
आयकर विभाग द्वारा सोनू सूद पर लगाए गए आरोप और उनके द्वारा की गई उनके ठिकानों पर छापेमारी लगभग 4 दिन तक चली है। जिसके बाद सोनू सूद ने सार्वजनिक रूप से छापेमारी पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। जिसमें उन्होंने आयकर विभाग के अधिकारियों को 4 दिन की चली इस प्रक्रिया के बाद कहा कि वह उन्हें ‘मिस’ करेंगे।
मीडिया इंटरव्यू में आयकर विभाग की रेड पर खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने आयकर विभाग वालों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखा, क्योंकि उन्हें किसी भी प्रकार का डर नहीं था। उनका कहना था कि उन्होंने कोई गैर-कानूनी काम नहीं किया है। आयकर विभाग वालों ने उनसे जितने भी कागजात मांगे उन्होंने उससे ज्यादा ही कागजात दिखाए थे।
सोनू सूद ने आयकर विभाग वालों के द्वारा मारे गए छापे वाले दिन को याद करते हुए बताया कहा, ‘इस तरह एक सुबह आयकर विभाग का घर पर छापा पड़ना बेहद ही चौंकाने वाला था। मेरा छोटा बेटा कई दिनों तक घर में ही फंस गया था। जब तक अधिकारी जांच करते हैं तब तक कोई भी बाहर नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि वे एक अच्छे होस्ट हैं।
आयकर विभाग ने भी की सरहाना
उन्होंने टैक्स अधिकारियों का बहुत ख्याल रखा है। 4 दिनों के बाद टैक्स अधिकारियों ने भी यह बात मानी कि उनका अनुभव अच्छा था। सोनू सूद ने कहा कि हम इन लोगों को ‘मिस’ करेंगे। इस पर टैक्स अधिकारियों ने उनके काम की सराहना की। जब आयकर विभाग के अधिकारी चले गए, तो मैंने कहा, ‘मैं तुम्हें याद करने जा रहा हूं, और हम सब खूब हंसे,”
सोनू ने कहा कि डोनेशन के जरिए जुटाए गए पैसे में से अभी भी 17 करोड़ रुपए बचे हैं। इसका उपयोग भी वे जनता की भलाई के लिए ही करने वाले हैं। जिसमें से 2 करोड़ रुपए वो पहले ही एक भवन निर्माण के लिए खर्च कर चुके हैं। मैं लोगों की मेहनत की कमाई और अपनी जमा पूंजी का उपयोग ऐसे ही व्यर्थ नहीं कर सकता।
जनता की भलाई के लिए करूंगा पैसे का उपयोग
मैं जनता की भलाई के कामों में इस पैसे का सदुपयोग करूंगा। सोनू हैदराबाद में एक चैरिटी हॉस्पिटल का निर्माण करना चाहते हैं । जोकि अपोलो जैसे हॉस्पिटल की तरह हो जिसमें लोगों को आसानी से इलाज की सारी सुविधाएं मिल सकें।
विदेशी चंदे में हेराफेरी को लेकर सोनू सूद ने सफाई देते हुए कहा कि रजिस्टर्ड कंपनी को विदेशी फंड पाने के लिए एफसीआरए में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। मेरा फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन हुआ ही नहीं है, तो मैं विदेशी फंड ले ही नहीं सकता। सोनू ने आगे बताया कि मैंने यह फाउंडेशन कुछ ही महीनों पहले बनाया था। जब कोरोनावायरस की दूसरी लहर आई थी।
जब भी आप ‘नियम के अनुसार कोई भी नई फाउंडेशन अगर पैसे लेती है, तो उसके पास अपने उस पैसे को उपयोग करने के लिए 1 साल का समय होता है। यदि समय रहते उस धन का उपयोग नहीं किया जाता तो उस पैसे का इस्तेमाल करने के लिए एक साल का एक्स्टेंशन टाइम दिया जाता है।
पहली लहर के दौरान जब मैं प्रवासियों की मदद के लिए काम कर रहा था। तब मेरे पास कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने प्रवासियों के लिए बसें बुक करने की पेशकश की थी। हमने तब कोई भी पैसा जमा नहीं किया था। मैंने पिछले चार-पांच महीनों से ही (अपनी नींव के लिए) फंड इकट्ठा करना शुरू किया है। जबकि नियमों के अनुसार फंड का उपयोग करने के लिए मेरे पास अभी भी 7 महीनों से अधिक समय है।
सोमवार को सोनू सूद ने अपनी सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था। “आपको हमेशा अपनी कहानी का पक्ष बताने की जरूरत नहीं है। समय आएगा। मैंने अपनी पूरी ताकत और दिल से भारत के लोगों की सेवा के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है। मेरी नींव में हर एक रूपया हर एक कीमती जान को बचाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहा है। ताकि जीवन और जरूरतमंदों तक पहुंच सके। “