- सीएम योगी ने कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर किया बड़ा ऐलान
- मथुरा – वृंदावन सहित आसपास के क्षेत्रों में मांस और शराब की बिक्री पर रोक
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद से राज्य में हिंदूवादी सोच और धर्म के आधार पर कई सारे निर्णय लिए गए हैं। जगहों के नाम बदलने के साथ-साथ कई जगहों पर हिंदू धर्म का हवाला देते हुए मांस और शराब की बिक्री पर भी रोक लगा दिया गया है।
इसी क्रम में जन्माष्टमी के दिन योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम के दौरान मथुरा में मांस और शराब की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने का निर्णय लिया। उनके मुताबिक इससे भगवान कृष्ण की जन्मभूमि को उसकी खोई हुई धार्मिक महिमा वापस प्राप्त होगी। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को आदेश भी जारी कर दिया है।
संतों की इच्छा के अनुसार लिया निर्णय
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मथुरा में कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने यह ऐलान किया कि मथुरा और इसके आसपास के क्षेत्रों में मांस और शराब बेचने को पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा।
सोमवार को मथुरा के महाविद्या रामलीला मैदान में समारोह के दौरान सीएम ने कहा कि जो लोग पहले हिंदू त्योहारों को नजर अंदाज करते थे, वह भी आज भगवान श्री राम और श्री कृष्ण को अपना मानते है।
योगी ने मथुरा के साथ – साथ श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी अन्य जगहें जैसे, वृंदावन, गोवर्धन, नंदगांव, बरसाना, गोकुल, महावन और बलदेव में भी मांस और शराब की बिक्री पर पाबंदी लगाई है।
मथुरा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महिमा का होगा पुनर्जीवन – योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “मथुरा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महिमा को पुनर्जीवित करने के लिए शराब और मांस के व्यापार पर रोक लगेगा। इससे प्रभावित विक्रेताओं को दूध बेचना होगा।”
उन्होंने आगे कहा कि, “ब्रज के विकास में किसी प्रकार का अवरोध नहीं आएगा। धन की कोई कमी नहीं होगी। यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बदलते भारत की तस्वीर है।”
कई और धार्मिक शहरों में है मांस – शराब पर प्रतिबंध
मथुरा के अलावा भी उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके पहले अन्य धार्मिक शहरों में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगा रखी है। बाबा नगरी वाराणसी में सरकार ने इसी साल अप्रैल महीने में शराब और मीट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास इसके बारे में खास ध्यान दिया गया था।
भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या के विभिन्न धार्मिक स्थलों के आसपास भी शराब और मीट की बिक्री बैन है। यह फैसला राम मंदिर निर्माण के शुरुआत के समय लिया गया था।
संगम नगरी प्रयागराज में भी स्थानीय प्रशासन को मांस और शराब की बिक्री के संबंध में सख्त हिदायत दी गई है। योगी सरकार ने इस शहर का नाम बदलकर इलाहाबाद से प्रयागराज किया था।
देश के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक चित्रकूट के साथ-साथ नैमिषारण्य, देवबंद और देवा शरीफ में भी इन सब की बिक्री पर योगी सरकार ने सख्त प्रतिबंध लगा रखा है।
मुद्दे पर आम लोगों की प्रतिक्रिया
योगी के मीट और शराब के व्यापार पर बैन लगाने से आम लोगों में दो मत देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इस निर्णय के पक्ष में अपनी राय दे रहे हैं तो कुछ लोग इस विषय के विपक्ष में हैं।
ये हुई ना बात!!!
गलगोटिया यूनिवर्सिटी के अमन राय ने योगी जी के इस निर्णय पर अपना विचार रखते हुए कहा, “योगी का यह निर्णय बहुत अच्छा है। ये हुई ना बात! इससे हम जैसे युवा भी अपने धर्म के प्रति सजग रह पाएंगे।”
योगी के रहने से अपनेपन का एहसास होता है…
मथुरा के निवासी रघुवेंद्र सिंह ने कहा कि, “मैं योगी जी के इस निर्णय का खुले मन से स्वागत करता हूं। योगी जी के सत्ता में रहने से हमें अपनेपन का एहसास होता है। हिंदुओं के लिए उन्होंने काफी कुछ किया है और आगे भी करेंगे।”
काम से ज्यादा सिर्फ जय श्री राम…
झारखंड के सुनील कुमार ने मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “योगी जी काम से ज्यादा सिर्फ जय श्री राम पर ध्यान देते हैं। हिंदुत्व को बढ़ावा देना गलत नहीं है, लेकिन पूरे उत्तर प्रदेश का विकास करने की जगह वह सिर्फ धार्मिक स्थलों पर ही अधिक ध्यान दे रहे हैं। जो गलत है।”
हिंदू धर्म केंद्रित राज्य है उत्तर प्रदेश…
बिहार के ध्रुव दुबे ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश एक हिंदू धर्म केंद्रित राज्य बनता जा रहा है। यहां अन्य धर्म के लोगों की सुविधा का ध्यान नहीं रखा जाता है। मथुरा में अन्य धर्म के लोग भी रहते हैं जो मांस – मछली और शराब खाते पीते हैं।”