दुनिया भर में पड़ रही बेहिसाब गर्मी का क्या है कारण ?

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जून और जुलाई के महीने में हमें गर्मी का तांडव हर साल देखने को मिलता है।न्यूज़ पेपर और न्यूज चैनल में इस साल गर्मी ने पचास साल का रिकॉर्ड तोड़ा जैसी खबरे भी दिख जाती हैं।लेकिन गनीमत इस बात की होती है कि जून के अंत तक भारत मे मॉनसून आ ही जाता है।

इस बार भी मौसम विभाग ने जून के दूसरे हफ्ते में बारिश की संभावना जताई थी लेकिन जुलाई की शुरुआत हो गयी है और मॉनसून लापता है।

भारत तो हर साल इस समस्या से जूझता है लेकिन इस बार सिर्फ एशिया के देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया गर्मी के इस प्रकोप को झेल रही है।दुनिया मे सबसे ठंडे स्थानों में दूसरे नम्बर पर आने वाला कनाडा भी इस बार गर्मी की मार झेल रहा है।

कनाडा में औसतन तापमान कभी 30 डिग्री से ऊपर नहीं गया लेकिन बीते हफ़्ते यहाँ का तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया है।जिसके चलते कभी एयरकंडीशनर की ज़रूरत महसूस न करने वाले कनाडा में लगातार एयरकंडीशनर की मांग बढ़ रही है।

चिलचिलाती गर्मी से बचाव के लिए घरों से निकल रहे हैं लोग:

लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण कनाडा में लोग घरों में घुटन महसूस कर रहे हैं।गर्मी से हो रही मानसिक तनाव की परेशानियों को झेल रहे हैं।

इसलिए थोड़ी सी भी राहत मिलने की उम्मीद में लोग घर से बाहर निकल ऐसे स्थानों पर जा रहे है जहां पानी की मात्रा अधिक हो।नमी हो।कनाडा में समुद्र के किनारे,अस्थाई झीलों और झरनों के पास लोगो की भीड़ इकट्ठा हो रही है।

यह सब हिट वेव यानी गर्म हवाओं का नतीजा है। WMO की माने तो इस समय पूरी दुनिया प्रेशर कुकर बनी हुई है।जहाँ बेहिसाब गर्मी है।

बड़ी संख्या में गर्मी से लोग तोड़ चुके हैं दम:

आज तक कि रिपोर्ट के अनुसार कनाडा में 3 दिन के भीतर 233 लोगो ने अपनी जान गवा दी है।कनाडा में लगातार बढ़ रहे तापमान का असर अब ब्रिटिश कोलंबिया के जंगलों में भी देखने को मिल रहा है।

जंगलों में भयानक आग लग गयी है जिसके कारण आस पास के इलाकों में रह रहे लोगो को बाहर निकाला जा रहा है।लिटन में रह रहे एक हज़ार लोगो को अब तक वहां से बाहर निकाला जा चुका है।

बीते हफ्ते बुधवार को लिटन में सबसे अधिक 49.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था।ये अब तक सबसे गर्म दिन रहा है।इससे पहले साल 1937 में यहां का तापमान 45 डिग्री तक पहुंचा था।

क्या होता है हीट डोम:

हीट डोम वह स्थिति होती है जिसमे समुद्र की गर्म सतह अधिक गर्म हवाओ को ऊपर उठाती है और हमारा वायुमंडल गर्म हवाओं को ढक्कन की तरह ढक लेता है और गर्म हवाओं को नीचे छोड़ता है इसके बाद ज़मीनी स्तर पर गर्म हवाएं यानी लू चलने लगता है जिससे तापमान में वृद्धि होती है।

इन हवाओं को हीट वेव भी कहा जाता है।इससे प्रभावित लोगों को हीट स्ट्रोक होने का खतरा होता है जिससे जान चली जाती है।हीट डोम की स्थिति में रहने वाले लोग बिना एयरकंडीशनर के नहीं रह सकते।

न्यूज़ वेबसाइट अलजज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 75 हज़ार हेक्टेयर की ज़मीन वाला जंगल इस आग में जलकर खाक हो चुका है।वहीं विशेषज्ञों की माने तो तापमान में हो रहे इस बदलाव का कारण जलवायु परिवर्तन हो सकता है।

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