अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट पर एक साथ दो विस्फोट की घटनाएं सामने आई हैं। ये घटना बीते गुरुवार (26 अगस्त) को हुई,जिसमे 90 लोगो की मौत, वहीं 140 के करीब लोग जख्मी हुए हैं।हालांकि अफगान में तालिबानी हुकूमत के बाद नरसंहार की ये पहली घटना है।
गौरतलब है कि अफ़ग़ान पर तालिबानी कब्ज़े के बाद बड़ी तादाद में काबुल एयरपोर्ट लर लोगो का हुजूम इकट्ठा हुए था।ये लोग किसी भी हालात में अफगानिस्तान छोड़ कर चले जाना चाहते है।
हालांकि,अमरीका और ब्रेटन की सेना काबुल में तैनात हैं और लोगो को अफ़ग़ान से निकालने की कोशिश कर रही है।
ISIS-K ने किया है विस्फोट
बीबीसी के मुताबिक काबुल में हुए इन विस्फ़ोट के पीछे इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस( ISIS-k ) का हाथ है । ये एक चरमपंथी संगठन है जिसका ताल्लुक हक़्क़ानी नेटवर्क से है।ये अफगानिस्तान और पाकिस्तान में मौजूद है वहीं अफगानिस्तान के सभी चरमपंथी संगठनो में से इसे सबसे खतरनाक और हिंसक माना जाता है। हक़्क़ानी नेटवर्क का तालिबान के साथ भी सम्बन्ध है जिसके चलते तालिबान और ISIS-k के बीच भी ताल्लुक कहे जा सकते हैं।
इतने लोगो की हुई है मौत
इन विस्फोटों में अभी तक 90 लोगो की मौत हो चुकी है ,वहीं 140 से अधिक लोग घायल हुए हैं।अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के कहना है कि काबुल में हुए विस्फोट में 13 अमेरिकी सैनिकों ने अपनी जान गवाई है।विस्फोट की किसी भी जानकारी से पल्ला झाड़ रहे तालिबान का कहना है कि काबुल विस्फोट में सबसे अधिक तालिबानियों की मौत हुई है।
मदद किए बिना सेना वापस नहीं आएगी
काबुल एयर पोर्ट पर हुए विस्फोट के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बयान दिया है कि हम डरने वाले नहीं है।अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से तब तक वापस नहीं आएगी जब तक अफगान से लोगो को सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लिया जाएगा।
अमेरिका और ब्रेटन की सेना लगातर अफगान से लोगो को सुरक्षित बाहर निकालने में लगी है।
कोशिश के बाद भी नहीं बची जान
बिज़नेस इनसाइडर के हवाले से विस्फोट के दौरान एयरपोर्ट के पास से गुज़र रहे एक शख्स (कार्ल) ने एक बच्ची को घायल हालात में देखा।वो गाड़ी से उतरा और बच्ची को गोद में उठाकर ले आया।सड़क पर जाम के कारण अस्पताल पहुंचने में लेट हो गया।
जब वो आदमी बच्ची को गोद मे लेकर अस्पताल पहुंचा तब तक बच्ची दम तोड़ चुकी थी।CBS news को उस शख्स (कार्ल) ने बताया कि उसने बच्ची को बचाने की पूरी कोशिश की मगर वो उसे नहीं बचा पाया।
दी वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट खुलासा करती है कि उस बच्ची को अभी तक किसी ने नहीं पहचाना, वहीं 60 से अधिक अफगान नागरिक इस घटना में जान गवा चुके हैं।
अमेरिका ने मुख्य आरोपी को मारने का दावा किया
काबुल हवाई अड्डे पर एक आत्मघाती बम विस्फोट में 13 अमेरिकी सैनिकों और कई अफगान नागरिकों की मौत हो गई। इस हमले के एक दिन बाद यूनाईटेड स्टेस ने शुक्रवार को इस्लामिक स्टेट हमले के मुख्य मास्टरमाइंड के खिलाफ ड्रोन हमले किये।
अमेरिकी सेंट्रल कमान ने कहा कि हमला काबुल के पूर्व और पाकिस्तान की सीमा से लगे नंगरहार प्रांत में हुआ। बयान में कहा गया है, “शुरुआती संकेत हैं कि हमने लक्ष्य को मार गिराया है।”