पिछले 7 दिनों से लगातार उत्तर पूर्वी राज्य त्रिपुरा (north east state tripura) में हिंसा हो रही है। जो रुकने का नाम नहीं ले रही। हिंसा (violence) की शुरुआत विश्व हिंदू परिषद (VHP) की रैली के दौरान हुई थी। जो बाद में मस्जिदों (mosques) और दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी में बदल गयी। रिपोट्स के मुताबिक बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों में हुए हमले और हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में ये रैली निकाली गई थी।
हिंसा की शुरुआत 21 अक्टूबर को त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से कुछ किलोमीटर दूर गोमती जिले में हुई थी। जहां दक्षिणपंथी समूह (VHP) और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इसमें 12 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। इसके बाद शुक्रवार 22 अक्टूबर की सुबह तक पूरे इलाके में CRPC की धारा 144 लागू कर दी गयी। बहरहाल, गोमती जिले के बाद पानीसागर और चमटीला इलाके में भी तोड़फोड़ और आगजनी हुई।
त्रिपुरा में क्यों और कहां हुई हिंसा :
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले और हिंसा के विरोध में VHP ने विरोध रैली निकाली थी। जिसमे 10 हज़ार से अधिक कार्यकर्ता शामिल थे। 21 अक्टूबर की शाम को पुलिस के साथ VHP कार्यकर्ताओं की झड़प के बाद से हिंसा बढ़ गयी। इसके बाद पानीसागर और चमटीला इलाके में मस्जिदों में तोड़फोड़ की गई यही नहीं अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के घरों और दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
बता दें कि त्रिपुरा की तीन सीमाएं बांग्लादेश से लगती हैं, और दुर्गा पूजा पंडालों में हमले का असर त्रिपुरा में भी देखने को मिला। इसके अलावा जहां बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक है वहीं त्रिपुरा में मुस्लिम समुदाय की आबादी काफी कम है।
बांग्लादेश में साम्प्रदायिक हिंसा के बाद से ही त्रिपुरा सरकार ने पूरे राज्य में कड़ी सुरक्षा कर दी है। हिंसा के बाद पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अफवाह फैलाने वाले पर कानूनी कार्यवाही करने की बात कही है।
मस्जिदों में तोड़फोड़, दुकानों में आगजनी :
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7 दिनों से लागातर हो रही इस हिंसा में त्रिपुरा में स्थित मस्जिदों में तोड़फोड़ की गई। इतना ही नहीं मंगलवार को रोवा की एक मस्जिद में पत्थरबाजी के बाद तीन घरों और दो दुकानों में को आग के हवाले कर दिया गया। india ahead news की एक पत्रकार समृद्धि के स्कुनिया लागातर त्रिपुरा में हो रही इस हिंसा को कवर कर रही हैं। अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने लिखा, की बांग्लादेश में हिंसा के बाद 450 लोगो की गिरफ्तारी हुई। लेकिन इन सात दिनों में त्रिपुरा में 21 हेट क्राइम के इंसिडेंट हुए है, जिनमे 15 इंसिडेंट मस्जिदों में तोड़फोड़ के हैं और 3 मस्जिदों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। लेकिन अभी एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
Another news coming from #Tripura : On 26th Oct night at 12am, stones were pelted on Abdul Mannan's house in Kailashahar, Unakoti district. Between 22nd-23rd Oct, a bhagwa flag was also hung on the main gate of his house. This morning the police came in for investigation. pic.twitter.com/DRSTnsGUAv
— Samriddhi K Sakunia (@Samriddhi0809) October 27, 2021
दूसरी तरफ इंडियन एक्सप्रेस से बात चीत में पानी सागर से बजरंग दल के नेता नारायणदास ने कहा की, VHP ने पानी सागर इलाके में एक विरोध रैली का आयोजन किया था। जब रोवा के पास आए तो देखा कि कुछ युवक मस्ज़िद के पास खड़े होकर हमे गालियां दी रहे हैं। जिसके बाद हमारे बीच छिटपुट झिड़प हो गयी। नारायणदास भी VHP की इस रैली में मौजूद थे।
तोडफ़ोड़ और आगजनी के बाद संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात :
हिंसा के दौरान मस्जिदों, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी के बाद अब सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। वहीं मस्जिदों को भी सुरक्षा दी गयी है। त्रिपुरा पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह न फैलाने की अपील की है वहीं अफवाह फैलाने पर कानूनी कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।
Lawful action will be initiated against those who are circulating rumours on social media platforms and are trying to disturb peaceful environment.
— Tripura Police (@Tripura_Police) October 26, 2021
ndtv के अनुसार पुलिस सूत्रों ने बताया है कि अभी संवेदनशील इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है। वहीं त्रिपुरा पुलिस ने ट्वीट करते हुए लिखा, उत्तरी त्रिपुरा जिला पुलिस घटना में कानूनी कार्यवाही कर रही है। स्थिति नियंत्रण में हैं। कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं और सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट शेयर कर रहे हैं। सभी से अपील है कि ऐसे संदेशों पर विश्वास न करें और शांति बनाए रखे।
घटना की निंदा करना ज़रूरी :
दी रिपोर्टर वेबसाइट के मुताबिक, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ खान ने कहा, त्रिपुरा की हिंसा पर चुप्पी साधे दक्षिणपंथी समूहों RSS, VHP और बजरंग दल ने हमेशा अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय को बांग्लादेशी घुसपैठियों के रूप में ही देखा है। बांग्लादेश में हुई हिंसा की निंदा करने और त्रिपुरा में हो रही हिंसा पर चुप्पी साध लेना सही नहीं। इस हिंसा की कड़ी निंदा होनी चाहिए। घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि घटना के मास्टरमाइंड और भड़काने वाले न्याय के कटघरे में आकर खड़े हो सके।
एक अन्य मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा हिन्द के अध्यक्ष मुफ़्ती तैयबुर रहमान ने कहा की, उपद्रवियों का एक समूह त्रिपुरा में साम्प्रदायिक सौहार्द को खत्म करना चाहता है। इस संगठन ने अपने तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री विप्लब कुमार के कार्यालय भेजा। जहाँ मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक वी एस यादव से मुसलमानों और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले के मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई।