तालिबान के मुद्दे पर अमेरिका में विरोध हो रहा है…

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लंबे संघर्ष और हमले के बाद अफगानिस्तान में तालिबान का पूरी तरह से कब्जा हो गया है। तालिबानी हूकूमत के ऐलान के बाद से ही अमरीकी सैनिकों को बाहर निकलकर तालिबान ने हर प्रांत में अपने सैनिक तैनात कर दिए है। तकरीबन 20 साल बाद अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत वापस आ गई है। देश के 80 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर काबू पाते हुए रविवार को तालिबान के लड़ाके “राजधानी काबुल” में घुस गए। ऐसा होते ही अफगानिस्तानी सरकार की जड़े उखड़ गईं।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति का इस्तीफा और तालिबान का शासन।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सरकार के अधिकारियों ने तालिबान के साथ तत्काल बैठक शुरू कर दी थी। जिसके बाद से ही सत्ता हस्तातंरण के कयास लगाए जा रहे थे। माना जा रहा था कि किसी भी वक्त तालिबान को सत्ता सौंपी जा सकती है। इस बात पर मुहार तब लग गई, जब अमरीका के समर्थन में सरकार चला रहे, राष्ट्रपति “अशरफ घनी” इस्तीफा देकर तजाकिस्तान भाग गए।

इसी के साथ उप-राष्ट्रपति और कई अधिकारी भी देश से गायब हो गए। और तालिबान लड़ाके अफगान की राजधानी में घुस गए। तालिबानी लड़ाकों के राजधानी कूच करने के कुछ समय बाद ही केंद्रीय फोर्स ने सरेंडर कर दिया। ये खबर सुनते ही अफगानिस्तान में रह रहे विदेशी लोगों के साथ अफगानिस्तान के नागरिकों में भी अफरातफरी मच गई। सभी विदेशी एयरपोर्ट की तरफ भागने लगें। इसी बीच तालिबान ने एक ऐलान करते हुए बताया कि ” हम ताकत से सत्ता नहीं पाना चाहते, और इसके लिए बात चीत चल रही है।” तालिबान ने यह भी कहा की वे दुनिया को यह समझाने की कोशिश करेंगे कि उनका शासन नियम आधारित होगा और बातचीत के माध्यम से राष्ट्रों से मान्यता प्राप्त करेंगे।

अमरीकी व्हाइट हाउस के बाहर नारेबाजी

अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर अमेरिका में अफगानिस्तान से संबंधित लोगों हजारों को संख्या में रविवार के दिन “व्हाइट हाउस” के सामने विरोध शुरू कर दिया। लोगों ने अमेरिकी राष्ट्रपति “जो बाइडन” पर युद्धग्रस्त देश के लोगों के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाया है। लोगों ने अफगानिस्तान के हालातों के लिए बाइडन को जिम्मेदार ठहराया और विरोध में व्हाइट हाउस के सामने “बाइडन ने हमें धोखा दिया” के नारे नारेबाजी लगाए।”

इस प्रदर्शन में पूर्व अफगानिस्तानी पत्रकार “हमदर्द गफूरी” भी शामिल थे। हमदर्द गफूरी कहते है कि – “20 साल बाद हम 2000 में लौट रहे हैं हमें शांति चाहिए। अगर तालिबान देश पर कब्जा कर लेगा तो हजारों लोग ओसामा और मुल्ला उमर जैसे बन जाएंगे। वे पाकिस्तान के साथ मिल जाएंगे और पूरे मध्य एशिया में फैल जाएंगे।” दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शन में शामिल ‘फरजाना हाफिज’ कहती है – “तालिबान हमारे लोगो को मार रहा है वहां महिलाओं को कोई आज़ादी नहीं है और लोगों की कोई देखभाल करने वाला नहीं हैं।”

अमरीका सहित कई देशों में हो रहे हैं प्रदर्शन

रविवार को अफगानिस्तान के सपोर्ट में कई देशों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। जिसमें ब्रिटेन , ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ऑस्ट्रिया जैसे देश शामिल हैं। इन देशों में लोग सड़कों पर उतर कर अफगानिस्तान का समर्थन कर रहे है। प्रदर्शन में पाकिस्तान पर बैन लगाने की मांग की जा रही है। शनिवार को दक्षिणी ऑस्ट्रेलियाई शहर एडेलेड में लोगों ने मार्च किया और अफगान में जारी हिंसा को खत्म करने की मांग की।

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