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आंतकवाद का कोई धर्म या समाज नहीं होता – सुषमा स्वाराज

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आंतकवाद का कोई धर्म नहीं होता और इसको किसी धर्म या समाज से जोड़ना गलत है ये कहना है  विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का. विदेश मंत्री दो दिवसीय एससीओ के 16 वें सम्मेलन  में बोल रही थी
विदेश मंत्री ने  अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आंतकवाद की समस्या से लडऩे के लिए सहयोग बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि आंतकवाद  पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है. चीन के प्रभुत्व वाले सुरक्षा समूह ‘शंघाई सहयोग संगठन’ (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने यहां आईं सुषमा ने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी प्रकारों की कड़ी निंदा करता है.

फाइल फोटो – सुषमा स्वराज


भारत पहली बार स्थाई सदस्य के रूप में एससीओ सम्मेलन में भाग ले रहा है.  भारत और पाकिस्तान जून में एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य बन गये थे.  सुषमा ने कहा, ‘‘एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने पर पाकिस्तान को मेरी ओर से बधाई.’’
सुषमा स्वराज ने कहा, ‘‘ये बैठक का भारत के लिए विशेष महत्व रखती,  क्योंकि भारत के एससीओ का पूर्ण सदस्य बनने के बाद यह परिषद की पहली बैठक है और इसके साथ यह भी मायने रखता है कि हमारे पुराने और सबसे विश्वस्त सहयोगी मित्र रूस द्वारा इसकी मेजबानी की जा रही है.’’
सुषमा स्वराज ने कहा कि किसी भी तरह के आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता.  उन्होंने कहा, ‘‘हम व्यापक, सहयोगात्मक और सतत सुरक्षा के लिहाज से एससीओ की रूपरेखा के तहत सहयोग को सतत मजबूत करने के लिए और साथ में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’’
सुषमा स्वराज ने एससीओ के सदस्य देशों की सरकारों के प्रमुखों की परिषद की 16वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें दोहराना होगा कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह के साथ नहीं जोड़ा जा सकता और ना ही जोड़ा जाना चाहिए, यह पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है.’’  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी भी सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे .

क्या है शंघाई सहयोग संगठन यानि एससीओ

एससीओ की स्थापना 2001 में शंघाई में रूस, चीन, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान ने मिलकर की थी. भारत ने 2005 में इसमें आब्जर्वर के रूप में शामिल हुआ. अभी इसमें आठ देश हैं, भारत, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान. वहीं चार देश इसमे आब्जर्वर देश हैं, अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया हैं.

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