वायरस के संक्रमण के लिए दोषी बताने की परंपरा जो देश मे चल निकली है वह बेहद खतरनाक है

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भोपाल में कल तक कोरोना मरीजों की संख्या 158 थी जिसमे 85 स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी थे, तो क्या हम यह कहना चाहिए कि स्वास्थ्य विभाग की सचिव आईएएस अधिकारी पल्लवी जैन के संक्रमित होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में संक्रमण फैला? ….नही!….. हमे ऐसा बिल्कुल भी नहीं कहना चाहिए क्योंकि वायरस के संक्रमण के लिए दोषी बताने की परंपरा जो देश मे चल निकली है वह बेहद खतरनाक है।

यूएन अपने दिशा निर्देशों में साफ साफ कहता है कि ‘ऐसे संबोधन न करें कि वो “कोविड-19 संचारित कर रहे हैं” या “दूसरों को संक्रमित कर रहे हैं” या “वायरस फैला रहे हैं” क्योंकि इससे लगता है कि जानबूझकर संक्रमण फैलाया जा रहा है और व्यक्ति पर दोष मढ़ा जाता प्रतीत होता है’।

लेकिन हमारे नेता, हमारा मीडिया इन निर्देशों की सरे आम धज्जियां उड़ा रहा है, जब से कोरोना की आमद भारत मे हुई है। मीडिया बहुत ही घृणित तरीके से ब्लेम गेम खेल रहा है। उसका परिणाम कितना भयानक है, यह हम बिल्कुल भी नही सोच रहे हैं। कम से कम दस लोग सिर्फ कोरोना के संदिग्ध मान लिए जाने पर आत्महत्या कर चुके हैं, जिनमे हिन्दू भी हैं और मुसलमान भी। कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति भी सामाजिक बहिष्कार किये जाने से अपना घर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

आज ही एक मित्र की वाल से जानकारी मिली कि क्वारंटाइन सेंटर से भागे पंजाब से लाए गए एक 21-22 साल के युवा ने अपनी पत्नी समेत आत्महत्या कर ली। मीडिया और नेता समझ ही नही पा रहे हैं, कि उन्होंने क्या अज़ाब खड़ा कर दिया है। उन्होंने बार बार सिर्फ एक समुदाय को टारगेट करने के चक्कर में देश मे ऐसा माहौल बना दिया है कि पड़ोसी पड़ोसी का दुश्मन हो गया है।

WHO कहता है कि हमे कोविड-19 के मरीजों को नस्लीय, जातीय और धार्मिक आधार पर वर्गीकृत नहीं करना चाहिए। ” लेकिन उसके बावजूद देश का स्वास्थ्य विभाग जमातियों से जुड़े कोरोना के केस को अलग से पेश करता है।

तबलीगी जमात भारत के सभी मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं करती लेकिन जानबूझकर बार बार जमाती जमाती का नाम लेकर ये मीडिया, नेता और यहाँ तक कि सरकार भी एक समुदाय को टारगेट कर रही है। कई चैनल इसे ‘कोरोना जिहाद’ कह रहे हैं, वे लगातार झूठी खबरे ओर वीडियो दिखा रहे हैं और कभी कभी माफी मांगने का नाटक कर रहे हैं।

तबलीगी जमात ने बहुत गलत काम किया है। जो स्वास्थ्य कर्मियों पर पत्थर फेंक रहे हैं वे भी बहुत गलत काम कर रहे हैं। इसका कोई बचाव नही कर रहा है लेकिन जिस तरह से कोरोना को लेकर मीडिया और कतिपय नेता व्यहवार कर रहे हैं, उससे तो देश में सद्भाव की, भाईचारे की भावना ही खत्म हो जाएगी। यह बहुत गलत हो रहा है अब कैसे भी कर के इसे रोक देना चाहिए।

 

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