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नज़रिया – इंसानी खून की कोई कीमत नहीं, क्या आप राक्षस बन चुके हैं ?
मुझे पता है यह जो मैं लिखने जा रहा हूँ, उससे आप कन्नी काटकर चुपचाप निकल जाएँगे । मेरे लफ़्ज़ आपके गिरेहबान तक तो जाएँगे चाहे...