नज़रिया – सियासत और टीवी का गठजोड़ एक समुदाय के लिए ज़मीन तंग करने में भिड़ा हुआ है
प्रशासनिक सेवाओं में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व साढ़े तीन प्रतिशत ही है। कभी कभी यह आंकड़ा चार या साढ़े चार प्रतिशत तक पहुंचता है। लेकिन इसके बावजूद...
प्रशासनिक सेवाओं में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व साढ़े तीन प्रतिशत ही है। कभी कभी यह आंकड़ा चार या साढ़े चार प्रतिशत तक पहुंचता है। लेकिन इसके बावजूद...
हमारे भारत में बहुत लोग बसते हैं। हमारी तादाद भारी है। उसमें नयी उम्र के लोग कहिये तो काफी से भी ज्यादा हैं। हमारे इस प्यारे...