ब्रांडेड आईटम की लत में कहीं आप बेवकूफ़ तो नहीं बन रहे ?
महंगे सस्ते की हमारी साइकोलॉजी को कम्पनियां और ब्रांड्स बख़ूबी समझते हैं, पता नहीं क्यों हमें लगता है कि जो चीज़ जितनी महँगी है उतनी बेहतर...
महंगे सस्ते की हमारी साइकोलॉजी को कम्पनियां और ब्रांड्स बख़ूबी समझते हैं, पता नहीं क्यों हमें लगता है कि जो चीज़ जितनी महँगी है उतनी बेहतर...