बुधवार (19 जनवरी) को समाजवादी पार्टी (SP) छोड़ कर मुलायम सिंह यादव ( Mulayam singh Yadav) की छोटी बहु अपर्णा यादव ( Aparna Yadav) भाजपा ( BJP ) में शामिल हो गई. यूपी के डिप्टी सीएम. केशव प्रसाद मौर्य ( Keshav Prasad mourya) , भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिहं ( svatantra dev singh ) के साथ साथ भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ( J P nadda ) और योगी आदित्यनाथ ( yogi adityanath) की मौजूदगी में अपर्णा यादव ने भाजपा का अगं वस्त्र धारण कर भाजपा की सदस्यता ली. इस बीच उन्होंने कहा की, ‘वह पीएम मोदी से प्रभावित हैं.’ उन्होंने ये भी कहा, ” मेरे लिए राष्ट्र सबसे पहले है, मुझे लगता है कि राष्ट्र का धर्म मेरे लिए सबसे पहले है और मैं अब राष्ट्र की आराधना करने निकली हूँ”
इस बीच केशव प्रसाद मौर्य , अखिलेश यादव पर तंज करते दिखे, उन्होंने कहा कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अपने घर में सफ़ल नहीं है. और राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर भी सफ़ल नहीं रहें. अपर्णा यादव के पार्टी छोड़ने के बाद ख़बर ये है कि अखिलेश यादव अब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. हालांकि किस सीट से ये अभी निश्चित नहीं हैं.
कौन हैं अपर्णा यादव
अपर्णा बिष्ट यादव उत्तराखंड से हैं, साल 2011 में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिहं यादव के दूसरे बेटे प्रतीक यादव से उनकी शादी हुई थी. प्रतीक यादव एक कारोबारी हैं. और अपर्णा बिष्ट यादव एक पोलिटिशियन. 2017 में अपर्णा ने सपा की टिकट से लखनऊ कैंट से विधानसभा चुनाव लड़ा था. उन्हें 60 हज़ार वोट मिले थे, हालांकि वो भाजपा की कैंडिडेट रीता बाहुगुणा जोशी से हार गई थी.
अपर्णा एक एन.जी.ओ चलातीं है जो महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करता है. अपर्णा ने शुरूआत में पीएम मोदी ( PM Modi) के स्वच्छ भारत मिशन की तारीफ़ की थी. जिसके लिए वो चर्चा में आई थी. वो कई बार योगी आदित्यनाथ और भाजपा से जुड़े पॅज़िटिव बायान दे चुकीं हैं.
अपर्णा ने इसलिए भाजपा का दामन थामा
कहा जा रहा कि, अखिलेश यादव ने इस विधानसभा चुनावों में पारिवार के किसी भी सदस्य को टिकट न देने का फैसला लिया है. अपर्णा यादव चाहती है कि उन्हें लखनऊ कैंट से टिकट दिया जाए. उन्होंने बीते 5 साल लखनऊ कैंट मे बहुत काम किया है और इस बार लखनऊ कैंट से चुनाव लड़कर चुनाव जीतना चाहती हैं. इसलिए अपर्णा ने भाजपा का दामन थामा है, उन्हें उम्मीद है कि भाजपा में उन्हें लखनऊ कैंट से टिकट मिलेगा.
दूसरी ओर अखिलेश यादव ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला ले लिया है. अखिलेश किस सीट से चुनाव लड़ेंगे इसकी पुष्टि अभी नहीं है. हालाँकि अटकले ये हैं कि अखिलेश आज़मगढ़ के गोपालपुर, मैनपुरी या इटावा से चुनाव लड़ सकते हैं. जानकारों का मानना है किअपर्णा यादव का सपा छोड़ना समाजवादी पार्टी में बढ़ी सेंध बताया जा रहा है.