हाल ही में दिल्ली में हुए जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस को अब पिंकी चौधरी और उत्तम मलिक की तलाश है। दोनों आरोपियों की तलाश करते हुए राजधानी की पुलिस ने कुल पांच जगहों पर दबिश दी, पर दोनों ही वहां मौजूद नहीं थे। बताया जा रहा है कि दिल्ली के जंतर-मंतर में एक समुदाय विशेष के खिलाफ नारेबाजी करने और माहौल को सांप्रदायिक रंग देने में दोनों की मुख्य भूमिका थी।
भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिराह पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें एक समुदाय विशेष को लेकर आपत्तिजनक नारेबाजी करने के वीडियो सामने आए थे। जिसके बाद मामले ने सोशल मीडिया के जरिए तूल पकड़ लिया। मामला तब और ज्यादा गंभीर हो गया, जब वहां मौजूद नेशनल दस्तक के पत्रकार अनमोल प्रीतम से भीड़ ने जबरन “जय श्री राम” का नारा लगवाने की कोशिश की। लोग पत्रकार के समर्थन में आ गए और मजबूरन दिल्ली पुलिस को आयोजक समेत 5 लोगों पर एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।
गाजियाबाद के निवासी हैं दोनों आरोपी
दिल्ली पुलिस के मुताबिक हिन्दू रक्षा दल के रास्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी व कार्यकर्ता उत्तम मलिक गाजियाबाद के निवासी हैं। हालांकि अश्विनी उपाध्याय को कोर्ट ने जमानत दे दी है। पर बाकी आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है।
पिंकी ने ली थी भड़काऊ विवादित नारेबाजी की जिम्मेदारी
पिंकी चौधरी गाजियाबाद में साहिबाबाद और उत्तम मलिक गाजियाबाद में लिंक रोड स्थित झंडापुर इलाके के रहने वाले हैं। पूरे मामले के सामने आने के बाद पिंकी चौधरी ने कई टीवी प्रोग्राम के जरिए देश के सामने भड़काऊ नारेबाजी की जिम्मेदारी ली थी। पिंकी चौधरी ने टीवी पर कहा था कि जो भी लोग उस कार्यक्रम में मौजूद थे, सभी हमारे लोग थे। हमने उन्हें बुलाया था। अगर बच्चों से नादानी में कोई भूल हो भी गई है, तो हमें उसे माफ कर देना चाहिए। इस बयान के बाद से ही दिल्ली पुलिस ने दोनों पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है।
खुफिया एजेंसियों द्वारा रखी जा रही है नजर
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार दिल्ली पुलिस ने पिंकी और उत्तम की तलाश में बुधवार रात गजियाबाद के पांच ठिकानों पर पहुंची थी। लेकिन दोनों ही पुुलिस के हाथों नहीं लगे। पुलिस ने पिंकी चौधरी के साहिबाबाद वाले कार्यालय की भी तलाशी ली गई। जो लोग पिंकी के संपर्क में हैं, उन्हें भी ट्रैस किया गया था। साथ ही दोनों पर खुफिया एजेंसियां द्वारा नजर रखी जा रही है। वहीं, गाजियाबाद पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने दोनों युवकों के बारे में उनसे कोई संपर्क नहीं किया है।