मोहित और मैंने नजीब के यूनिवर्सिटी गायब होने के बाद नजीब के आंदोलन में एक साथ काम करना शुरू किया था, उसके बाद से लगातार हम लोग साथ काम कर रहे है, नजीब के आंदोलन को देशव्यापी बनाने में जो कुछ गिने चुने लोग शामिल है. उसमे मोहित प्रमुख है मुझे याद है पिछले साल 8 फरवरी को जब बदायूं में इंसाफ मार्च था उस समय मोहित भूख हड़ताल पर थे और बदायूँ के मार्च के दिन उनके भूख हड़ताल का 5वा दिन था. उसके बावजूद मोहित उस मार्च का हिस्सा थे. लगातार पानी पी चलते रहने के कारण उनकी तबियत डाउन थी. लेकिन वो फिर भी साथ थे.
उसके बाद 12 फरवरी को हम सब फिर एक साथ लखनऊ की सड़कों पर थे फिर चाहे जुनैद का मामला ही या पहलू का चाहे उमर खान या अलीमुद्दीन हर मुद्दे पर मोहित इंसाफ के लिए ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ बुंलद करते नज़र आये. कासगंज दंगे के बाद कासगंज कोतवाल से निर्दोष मुसलमानो की गिरफ्तारी पे झड़प आप सबने देखी होगी, चाहे रोहिंगया का मामला हो या जुनैद के वकील के खिलाफ प्रोटेस्ट, वो हम सबसे आगे थे.
नजीब मामले को लेकर ABVP हमेशा उनको निशाने पे ले रही थी, उस दिन जो लव जिहाद के नाम पर मुसलमानों को बदनाम करने वाली डॉक्यूमेंट्री का विरोध JNU के छात्रों ने किया उसके बाद मोहित जब हम लोगो के एक साथी प्रसनजीत भाई जो उनसे मिलने आये थे, उनके साथ जा रहे थे तभी 50 से 60 ABVP के लोगो ने उन पर हमला किया यदि उस समय प्रदीप नरवाल, वसीम ,प्रदीप थलपल्ली और दिलीप यादव न होते उस दिन मोहित का बचना मुश्किल था.
कार की हालत देख कर उन पर हुए हमले की गम्भीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. जब हम सब वसंतकुंज थाने पहुचे तो पता चला कि हमसे पहले ABVP की शिकायत एक्सेप्ट कर ली गयी है, उसके बाद भी इस जानलेवा हमले के तीन दिन बाद FIR दर्ज हुई और वो भी धाराएं वो लगाई गई कि ABVP के लड़के थाने से छूट जाए उधर मोहित के खिलाफ मारपीट के मुक़दमे तो बुक करे ही गए उसके साथ साथ ABVP की लड़कियों द्वारा उनके खिलाफ दुर्व्यवहार और दूसरी FIR करी गयी है.
मोहित के ऊपर हमला करने में ABVP के वो 8 लड़के सबसे आगे थे, जो नजीब मामले में आरोपी हैं और सरकार के लाख चाहने के बावजूद उनके नाम हट नही पा रहे हैं, और न ये मामला ठंडे बस्ते में जा रहा है, मोहित पे हमला किया गया और सही से FIR लिखने के बजाय उनके खिलाफ ही FIR कर दी गयी उसके बाद उनकी छवि बिगाड़ने के लिए लड़कियो से भी फ़र्ज़ी मुक़दमे लगवाए गए.
मान लिया मोदी और शाह की सरकार है और आप किसी का भी दमन कर सकते हैं, लेकिन इस बार आपने दमन का विरोध करने वाले को ही टारगेट किया है, और आपको छोड़ा नही जाएगा और जिस तरह संघ के बगल बच्चा संगठन और संघ की पुलिस ने मोहित का टारगेट किया है. उसका हर स्तर पे विरोध किया जाएगा इसपे लिखे शेयर करे और आवाज़ उठाये वरना कोई हमारे लिए आवाज़ नही उठाएगा.
फ़ोटो उस समय की है जब हम लोगो ने हरियाणा के सरकारी वकील के खिलाफ प्रदर्शन किया था जब उसने जुनैद के हत्यारों की मदद करी थी और इसके बाद वकील नवीन कौशिक ने इस्तीफा दिया था.
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