उत्तराखंड के मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की बुधवार को एक वायरल हुई तस्वीर के बाद आलोचकों ने उनकी खूब आलोचना की ,जिसमें उनके चेहरे का मास्क उनके पैर के अंगूठे पर लटका हुआ था।
राज्य में भाजपा सरकार के गन्ना उद्योग मंत्री ने उस समय अपने चेहरे पर मास्क नहीं पहना था और न ही दो अन्य मंत्री, बिशन सिंह चुफल और सुबोध उनियाल, और न ही दो अन्य पार्टी नेताओं ने। जो सभी एक इनडोर मीटिंग में शामिल थे।
बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों को विपक्षी नेताओं ने देखा और राज्य सरकार को कथित तौर पर कोविड के नियंत्रण प्रोटोकॉल को गंभीरता से न लेने के लिए निशाने पर लिया है।
हरिद्वार के कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा, “कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की पैर पर अपना मास्क लटकाने की तस्वीर से पता चलता है कि उन्होंने और उनकी सरकार ने कोविड -19 के दिशानिर्देशों को अपने पैरो के नीचे रखा हुआ है।”
कांग्रेस की राज्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने पूछा: “जब देश में कोरोना महामारी से लाखों लोगों की जान चली गई, तो स्वामी यतीश्वरानंद, जो उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, अपना मास्क पैर में लगाकर लोगों को क्या संदेश देना चाहते हैं।”
गरिमा दसौनी ने मंत्री की करी निंदा कहा यदि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग कोरोना रोकथाम के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते तो सरकार को यह भी उम्मीद करना भी बेकार है कि आम जनता उनका पालन करें।
आम आदमी पार्टी जो द्विध्रुवी राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बनाना चाहती है, ने भी मंत्री की कड़ी निंदा की।
“यह तस्वीरें दिखाती है कि भाजपा के नेताओं को कोरोना
महामारी के दिशानिर्देशों की कितनी परवाह है जब केंद्र में उनकी सरकार द्वारा की गई अपर्याप्त व्यवस्था के कारण कोरोना की दूसरी लहर में कितने लोग अपनी जान गवां बैठे।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमरजीत सिंह रावत ने कहा कि स्वामी यतीश्वरानंद को अपने किए गए घृणित कार्य के लिए जनता से अपने व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए।
कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए राज्य की कांवर यात्रा को रद्द करने के फ़ैसले के बाद मंगलवार को राज्य सरकारों को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी।