कासगंज हिंसा को लेकर बरेली के डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह की फेसबुक पोस्ट पर विवाद थमा नहीं था कि अब सहारनपुर की महिला ऑफिसर रश्मि वरुण का पोस्ट वायरल होने लगा है.
सहारनपुर में डिप्टी डायरेक्टर रश्मि वरुण ने गणतंत्र दिवस के दिन कासगंज सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए 22 वर्षीय चंदन की मौत का जिम्मेदार भगवा रंग को ठहराया है.
क्या है रश्मि वरुण की पोस्ट
रश्मि ने फेसबुक पर लिखा, ‘तो ये थी कासगंज की तिरंगा रैली… कोई नई बात नहीं है ये, अंबेडकर जयंती पर सहारनपुर सड़क दुधली में भी ऐसी ही रैली निकाली गई थी, जिसमें अंबेडकर गायब थे या कहिए कि भगवा रंग में विलीन हो गए थे. कासगंज में भी यही हुआ, तिरंगा तो शवासन में रहा, भगवा ध्वज शीर्ष (आसन) पर. जो लड़का मारा गया उसे किसी दूसरे-तीसरे समुदाय ने नहीं मारा, उसे केसरी, सफेद और हरे रंग की आड़ लेकर भगवा ने खुद मारा. जो बताया नहीं जा रहा वो यह है कि अब्दुल हमीद की मूर्ति या तस्वीर पर तिरंगा फहराने की बजाय इस तथाकथित तिरंगा रैली में चलने की जबरदस्ती की गई और केसरिया, सफेद, हरे और भगवा रंग पे लाल रंग भारी पड़ गया.’
एक अखबार के अनुसार महिला ऑफिसर ने बरेली के डीएम का भी समर्थन किया. उन्होंने आरवी सिंह के माफी वाला फेसबुक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि सही बात के लिए स्पष्टीकरण देना पड़ता है. रश्मि ने कहा कि सही इंसान को भी माफी मांगनी पड़ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि कासगंज में ना तो पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे और ना ही तिरंगा यात्रा रोकी गई. यह सब वाट्सएप यूनिवर्सिटी का खेल है. अपने पोस्ट पर रश्मि वरुण ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं लिखा. उन्होंने कहा पोस्ट में ऐसी कोई भी बात नहीं लिखी गई जो कि किसी के खिलाफ हो. उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस मनाने का हक हर किसी को, पहले या बाद में मनाने वाली कोई बात नहीं होती. वाट्सएप पर कोई गलत मैसेज आता है तो उसे रोका नहीं जाता, बल्कि वायरल कर दिया जाता है. ऐसे में ही माहौल बिगड़ता है.
क्या थी राघवेंद्र विक्रम सिंह की पोस्ट
राघवेंद्र विक्रम सिंह ने कासगंज में हिंसा भड़कने के दो दिन बाद यानी 28 जनवरी की रात अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट की थी.
पोस्ट में उन्होंने लिखा था, ‘अजीब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई, वो पाकिस्तानी हैं क्या? बरेली के खेलम में यही हुआ था. फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए.’
बरेली के डीएम का लिखा यह पोस्ट वायरल हो गया और फेसबुक पर कई लोगों ने इसे शेयर किया. तमाम यूजर्स ने इसके पक्ष और विरोध में अपनी प्रतिक्रियाएं दी.
उन्होंने अपने एक और फेसबुक पोस्ट में पूछा था कि चीन के खिलाफ नारेबाजी क्यों नहीं की जाती है, जो हमारा पाकिस्तान से भी बड़ा दुश्मन है. उन्होंने लिखा, ‘चीन तो बड़ा दुश्मन है, तिरंगा लेकर चीन मुर्दाबाद क्यों नहीं?’
बाद में उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि वो ‘राष्ट्रभक्ति के नाम पर’ हुई इस घटना से आहत और गुस्सा हैं. उन्होंने कहा कि मेरा आशय किसी मजहब या भावनाओं को आहत करना नहीं था. ऐसी घटनाओं से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है. प्रशासन और पुलिस के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए भी दिक्कतें खड़ी होती हैं. ऐसी घटनाओं से अनावश्यक अवरोध होते हैं. आपसी सौहार्द से ही शांति और तरक्की हासिल होती है.
बता दें कि कासगंज में गणतंत्र दिवस के मौके पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में 22 वर्षीय चंदन गुप्ता नाम के युवक को गोली लगी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी.वहीं अकरम नाम के शख्स की एक आंख फोड़ दी गई थी. हिंसा के मामले में अभी तक 118 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. चंदन की हत्या के मुख्य आरोपी सलीम को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.