0

महाराष्ट्र में सामने आया "चूहा घोटाला"

Share

आपने तरह तरह के घोटालों के बारे में सुना होगा.आये दिन घोटालों से सम्बंधित कोई न कोई खबर सामने आती रहती है.लेकिन महाराष्ट्र में इन दिनों एक नए तरह का घोटाला सामने आया है. गुरूवार को विधान सभा में भाजपा नेता व पूर्व राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे ने चूहा घोटाला का मुददा उठाकर पूरे सदन को सकते में ला दिया.
सदन में एकनाथ खडसे ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका दो वर्ष में छह लाख चूहे मारती है. जबकि मंत्रालय में एक सप्ताह यानि 3 मई 2016 से 10 मई 2016 तक 3 लाख 19 हजार 4 सौ चूहों के मारने का कारनामा कर दिखाया है.

भाजपा नेता एकनाथ खड़से


खड़से ने कहा कि वर्क आर्डर क्रमांक 131 व 132 में जो करारनामा रजिस्टर में किया गया है, उसमें छह महीने की अवधि दिखाई गई है, जबकि वर्क आर्डर में काम की अवधि दो महीने दिखाई गई है, मोजमाप पुस्तिका में उक्त काम को पूरा होने की अवधि सात दिन दिखाई गई है.सात दिन के अंदर मंत्रालय में 3,19,400 चूहे मारे गए है, प्रत्येक दिन 44,628.57 चूहे मारे गए है, प्रत्येक घंटा 1,901.19 चूहे और प्रत्येक मिनट 31.68 चूहे मारे गए है.यानी प्रत्येक दिन मारे गए चूहे का वजन 9,125.71 था.यानी 9 टन 125 किलो (एक ट्रक चूहे मारने का रिकार्ड) दर्ज किया गया है.
खडसे ने सवाल किया इतने भारी पैमाने पर मारे गए चूहे को दफनाया या विल्हेवाट कहाँ किया गया, किसने किया, वह जगह दिखाएगे क्या कि कैसे चूहो को दफन किया गया? उन्होंने कहा कि मंत्रालय में जहर ले जाने की अनुमति सामान्य प्रशासन व गृह विभाग ने दिया, ऐसा कागजपत्र में नहीं दिखाई दे रहा है.पूर्व राजस्व मंत्री ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि सरकार किसी कंपनी को यह काम सौंपने की बजाय इस काम के लिए 10 बिल्लियों को लगा सकती थी.
खड़से ने सवाल उठाया कि मंत्रालय में गृह विभाग व सामान्य प्रशासन विभाग की अनुमति के बिना जहर कैसे गया.जिस संस्था को चूहा मारने का काम दिया गया था उस संस्था को जहर प्राप्त करने की अनुमति है क्या? मंत्रालय के जिस मंजिल पर या जिस विभाग में जहर रखा गया था, उस विभाग के प्रमुख से जहर रखने की अनुमति ली गई है, ऐसा उपलब्ध कागजपत्र में नहीं दिखाई दे रहा है.
खडसे ने कहा कि मंत्रालय में किसान धर्मा पाटील ने जिस जहर को पीकर आत्महत्या की थी. वह जहर चूहा मारने वाली थी. खडसे ने चूहा मारने में हुए कथित घोटाले की जांच कराने की मांग की. बजट मांगों पर बाद में अपने जवाब में सामान्य प्रशासन विभाग मंत्री मदन येरवार ने कहा कि सरकार इस कार्य के लिए दिए गए ठेके पर सूचना मांगेगी और इसे सात दिनों के अंदर सदन के पटल पर रखेगी.
Exit mobile version