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क्या मदरसे आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं ?

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लो जी पहले गो हत्या फिर लव जिहाद , घर वापसी , लैंड जिहाद और तीन तलाक के बाद नया एपिसोड मदरसा और आतंकवाद। कभी ये काम शाहनवाज़ हुसैन, शाज़िया इल्मी, मुख़्तार अब्बास नकवी, M.J.Akbar से लिया जाता रहा है, तो अब एक नया मोहरा सामने आया है,वसीम रिज़वी। ये बंदा भी मीर जाफर, मीर सादिक की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। इनका जनाब का इतिहास ये है, कि ये शिया वक़्फ़ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए शिया वक़्फ़ की करोड़ों की ज़मीन के  घोटाला में आरोपी हैं, और इनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है.
पहले ये आज़म खां के शिष्यों में गिने जाते थे, अब हुकूमत बदल जाने पर ये भगवाधारी हो गये हैं और संघ की भाषा बोल रहे हैं और अपनी गिरफ़्तारी से बचना चाहता है। इन्होंने इलज़ाम लगाया है कि मदरसों में कट्टरपंथ की तालीम दी जाती है और आतंकवादी पैदा होते हैं।
लेकिन शायद इन जनाब को ये नहीं पता की मदरसों का इतिहास बहुत पुराना है और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में मदरसों और उनके उलेमाओं का बड़ा रोल रहा है। हज़ारों उलेमा की शहादत से हमें आज़ादी नसीब हुई है। इसे ये तो याद है कि मदरसों में आतंकी पैदा होते हैं जबकि आज तक एक भी मामला साबित नहीं हुआ।
लेकिन ये जनाब भूल गए हैं, कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, मुंशी प्रेम चाँद, मौलाना हसरत मोहानी, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, मौलाना शौकत अली, मौलाना मुहम्मद अली, डॉक्टर अबुल कलाम साहब ये सभी मदरसा के छात्र रहे हैं। अंग्रेजी शासन काल में मदरसों में हिन्दू , मुसलमान सभी बच्चे पढ़ते थे।
आज भी बहुत से बड़े, बड़े मदरसे हैं जहाँ की डिग्री मान्य है और वहां से तालीम पूरी करने के बाद अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया, जामिया हमदर्द, मौलाना आज़ाद ओपन यूनिवर्सिटी, ओस्मानिया यूनिवर्सिटी, लखनऊ यूनिवर्सिटी में दाखिला लेते हैं और यूनानी डॉक्टर, प्रोफेसर, प्रशासनिक अधिकारी बनते हैं, उर्दू अख़बारों के पत्रकार , शायर और लेखक बनते हैं।
मदरसे से कितने आतंकवादी पैदा हुए ये तो नहीं मालूम , लेकिन मदरसों को बदनाम करने और निशाना बनाने वाले ये भूल जाते हैं कि देश में मोदीराज में भगवा आतंकवाद अपने चरम पर है, और इस पर रोक लगाने की ज़रूरत है।
B.B.C और अल जज़ीरा समेत बहुत से मीडिया संस्थानों में और वेब पोर्टलों पर स्टोरी आ चुकी है वीडियो मौजूद है , जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ , गाज़ियाबाद , पूर्वान्चल में आज़मगढ़ वगैरह में बड़े , बड़े मठों में , शिशु मंदिरों में दुर्गा वाहिनी , आर्य वीर दल और बजरंग दल, को आतंकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनका Radicalization किया जा रहा है। तलवारें बाटी जा रही हैं और अपने ही मुल्की भाईय्यों के खिलाफ लड़ने के लिए बन्दुक चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। साध्वी प्रज्ञा , इंद्रेश कुमार , स्वामी दयानंद पांडेय , कर्नल पुरिहित , सुनील जोशी ,असीमानंद किस मदरसे के प्रोडक्ट हैं ?

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