भारतीय क्रिकेट जगत के महान हरफनमौला खिलाडी कपिल देव का जन्म आज ही के दिन 6 जनवरी 1959 को हुआ था. चंढीगढ़ में जन्में कपिल रामलाल निखंज देव को क्रिकेट प्रेमी कपिल देव के नाम से ही जानते हैं. वे आज अपना 59वां जन्मदिवस मना रहे हैं। दुनिया में भारत को क्रिकेट में पहचान देने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वो कपिल देव हैं, क्योंकि साल 1983 में जब वर्ल्ड कप भारत ने जीता तो पूरी दुनिया में भारत का बहुत नाम हुआ, जिसका पूरा श्रेय कपिल देव को ही जाता है और तभी से भारत में भी क्रिकेट को लोग जानने और पसंद करने लगे, कपिल के खेल को देखकर ही युवा पीढ़ी की क्रिकेट के बारे में चाह बढ़ने लगी. भारतीय क्रिकेट के ग्रेट आलराउंडर में कपिल देव का नाम सबसे पहले आता है.
पर्सनल लाइफ
कपिल देव का जन्म 6 जनवरी साल 1959 को पंजाब के चंडीगढ़ में हुआ था. उनके पिता का नाम रामलाल निरबंज और माँ का नाम राजकुमारी था.वो अपने सात भाई बहनों में छठे नम्बर पर थे.1947 में जब भारत विभाजन हुआ तब उनके माता पिता रावलपिंडी से आकर चंडीगढ़ में बस गए थे.
कपिल देव की प्रारम्भिक शिक्षा डी.ए.वी. स्कूल में हुयी. साल 1971 में वो देश प्रेम आजाद के शिष्य बन गये जो कपिल देव के कोच थे. साल 1979 में उन्हें रोमी भाटिया से मिलने का अवसर मिला और उसके अगले ही साल वे विवाह के बंधन में बंध गये. साल 1996 में उन्हें एक बेटी हुयी जिसका नाम अमिय देव रखा गया.
क्रिकेट करियर
कपिल देव ने क्रिकेट में अपना पहला मैच साल 1975 में हरियाणा की तरफ से खेला था जिसमें उन्होंने पंजाब के खिलाफ खेलते हुए 6 विकेट लिए थे और पंजाब को 63 रन पर सिमटा दिया. इसके बाद उन्होंने अपने फर्स्ट क्लास करियर में कई रिकॉर्ड कायम किये. इसके बाद उन्होंने रणजी में भी कई मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन किया.
साल 1978 से लेकर 1994 तक उन्होंने भारतीय टीम को ऊँचाइयों तक पहुंचाया और कई रिकॉर्ड भी कायम किये.
कपिल देव ने 131 टेस्ट मैचों में 5248 रन और 434 विकेट लिए थे. अपने टेस्ट करियर में उन्होंने 163 रन की सबसे ज्यादा पारी खेली. इसके अलावा उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 8 सेंचुरी और 27 हाफ सेंचुरी बनाये. कपिल देव विश्व क्रिकेट में सबसे कम समय में 100 विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने गये थे और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे.
कपिल देव का वनडे करियर भी काफी शानदार रहा था. कपिल देव ने 225 वनडे मैचों में 3783 रन और 253 विकेट लिए थे. उन्होंने वनडे करियर में एकमात्र शतक लगाया था जो उनका सबसे यादगार शतक था. कपिल देव ने जिम्बॉबे के खिलाफ 175 की नाबाद पारी खेली थी.
कपिल देव टेस्ट क्रिकेट में एकमात्र ऐसे आल राउंडर है जिन्होंने 4000 से ज्यादा रन और 400 से ज्यादा विकेट लिए है और इसके साथ ही 300 विकेट लेने वाले सबसे युवा खिलाड़ी के रूप में उनका रिकॉर्ड है.कपिल देव सिर्फ बेहतरीन बल्लेबाज और गेंदबाज ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन कप्तान भी थे जिन्होंने अपनी कप्तानी में 34 टेस्ट मैचों में 4 जीत, 22 ड्रॉ हुए और 7 में हार का सामना करना पड़ा था. वनडे मैचों में 74 मैचों की कप्तानी करते हुए 44 जीते, 28 हारे और 2 बेनतीजे थे कपिल देव के सबसे ज्यादा इन्निंग्स में रन आउट हुए बिना खेलने का भी एक रिकॉर्ड भी है .साल 1994 में रिचर्ड हेडली के विकेटों का रिकॉर्ड तोड़ने क बाद उन्होंने क्रिकेट के दोनों फॉर्मेट से सन्यास ले लिया.
1999 में उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का कोच चुना गया लेकिन अपने मित्रों के फिक्सिंग विवाद में होने से दुखी होकर उन्होंने कोच के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. उनके बाद जॉन राईट टीम भारत के पहले विदेशी कोच बने थे.
कपिल देव को साल 1980 में खेलों के लिए दिए जाने वाले अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया. साल 1982 में उन्हें पद्मश्री और 1991 में पद्मभूषण प्रदान किया गया. साल 1983 में उन्हें Wisden Cricketer of the Year, 2002 में Wisden Indian Cricketer of the Century, 2010 में ICC Cricket Hall of Fame, 2013 में The 25 Greatest Global Living Legends In India by NDTV और CK Nayudu Lifetime Achievement award से नवाजा गया है.क्रिकेट में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 24 सितम्बर 2008 को लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी थी.