पत्रकार राणा अय्यूब पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप, दर्ज हुई FIR.

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Sushma Tomar

यूपी के गाज़ियाबाद में पत्रकार राणा अय्यूब (journalist rana ayyub) के ख़िलाफ़ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है।यह एफआईआर हिन्दू आईटी सेल के सहसंस्थापक विकास सांस्कृत्यायन ने दर्ज कराई है। पत्रकार राणा अय्यूब पर आरोप है कि ऑनलाइन माध्यम से डोनेशन के नाम पर करोड़ों का पैसा इकठ्ठा किया है। लेकिन इसका इस्तेमाल उन सार्वजनिक कामो में नहीं किया गया जिसके लिए राणा अय्यूब ने डोनेशन लिया गया था। पूरा मामला बताने से पहले पत्रकार राणा अय्यूब को जान लेते हैं-

कौन है पत्रकार अय्यूब राणा:

राणा अय्यूब एक भारतीय महिला पत्रकार हैं। राणा तहलका समूह के साथ पत्रकारिता कर चुकी हैं, वर्तमान में फिलहाल वह “दी वॉशिंगटन पोस्ट” (the Washington Post) के साथ काम कर रही हैं। राणा पत्रकार के साथ-साथ,एक स्तम्भकार भी हैं। वो अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए जानी जाती हैं। 2002 के गुजरात दंगों पर राणा ने खोजी पत्रकारिता की थी। साथ ही लगातार फॉलो-उप भी करती रही। गुजरात दंगों पर राणा ने “गुजरात फाइल्स:एनाटॉमी ऑफ आ कवर उप” नाम की किताब लिखी थी। इस किताब का हिंदी अनुवाद पत्रकार गैरी लंकेश ने किया था। राणा बीजेपी की लगातार आलोचना करने के लिए भी जानी जाती हैं।

ये है मामला:

इंडियन एक्सप्रेस (indian express) की खबर के मुताबिक पत्रकार राणा अय्यूब पर ऑनलाइन डोनेशन के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। खबर के मुताबिक 27 अगस्त को केटो (ऑनलाइन एप्लिकेशन) ने उन लोगों को ईमेल के जरिये जानकारी दी, जिन्होंने पत्रकार के डोनेशन कैम्पेन में डोनेशन दिया था। केटो ने बताया कि भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने सूचना दी है कि जिस काम के लिए डोनेशन लिया गया था, उस काम में डोनेशन (donation) को खर्च नहीं किया गया है। जिसके बाद हिन्दू आई टी सेल के सहसंस्थापक विकास ने गाज़ियाबाद पुलिस स्टेशन में राणा अय्यूब के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

राणा अय्यूब ने चलाए थे तीन कैम्पेन:

रिपोर्ट्स के मुताबिक पत्रकार राणा अय्यूब ने तीन कैम्पेन चलाए थे। इनमें से दो पिछले साल मई-जून और सितंबर में चलाए गए थे, वहीं तीसरा कैम्पेन इसी साल (2021) मई और जून में चलाया गया था। पहला कैम्पेन किसानों और झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के लिए किया गया था, वहीं दूसरा कैम्पेन असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य के लिए और तीसरा कोरोना महामारी में प्रभावित लोगों के लिए चलाया गया था। तीनों कैम्पेन में ऑनलाइन केटो के माध्यम से करोड़ो का डोनेशन जोड़ा गया था।

इन धाराओं में दर्ज हुई FIR :

पत्रकार राणा अय्यूब पर ऑनलाइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। ये एफआईआर IPC की धारा 403 (सम्पत्ति का बेईमानी से गबन), 406 (विश्वास का आपराधिक हनन), 418 (छल करना), 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौधोगिकी अधिनियम 66 डी के तहत दर्ज हुई है। इंदिरापुरम के रहने वाले विकास सांस्कृत्यायन ने अपनी शिकायत में पूरा मामला बताया है।

शिकायत में ये भी कहा गया है कि अय्यूब ने सरकार के किसी भी प्रकार के प्रमाण पत्र या पंजीकरण के बिना विदेशी धन हासिल किया है। जो विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम 2010 का उल्लंघन है।

डोनेशन में इकट्ठा हुआ था करोड़ो का पैसा:

केटो ने अपने ईमेल में बताया है कि कैम्पेनर से पूछताछ के दौरान उन्हें पता चला है कि कैम्पेन में करोड़ो का पैसा इकट्ठा हुआ है। इन अभियान में 1.90 करोड़ रुपए, 1.09 लाख अमेरिकी डॉलर (कुल मिलाकर 2.69 करोड़ रुपए) जमा हुआ है। इसमें से 1.25 करोड़ खर्च किया जा चुका है,वहीं 90 लाख टैक्स के रूप में दिया गया है। बची हुई राशि अभी भी कैम्पेनर के पास है।

महिला पत्रकार को मिल रही रेप की धमकी:

बीबीसी (bbc) की रिपोर्ट के हवाले से राणा अय्यूब ने बीबीसी से बातचीत में कहा है कि उन्हें लगातार सामूहिक बलात्कार की धमकी दी जा रही है। इससे पहले भी उन्हें ऐसी धमकियां मिल चुकी है लेकिन वो सोशल मीडिया तक ही सीमित थी। अब ये धमकियां कॉल पर आ रही हैं।

इसके बाद सोशल मीडिया पर महिला पत्रकार के लिए नफरत फैलाया जा रही है। कहा जा रहा है कि वो बच्चीयों के बलात्कारी का सपोर्ट करती हैं। वहीं उनके एड्रेस और कॉन्टेक्ट डिटेल को वायरल कर लिखा जा रहा है कि वो देह व्यापार से जुड़ी हुईं हैं। राणा बताती हैं कि उन्होंने दिल्ली के इंदिरापुरम थाने में कंप्लेन की थी लेकिन थाना इंचार्ज ने कहा कि ये मामला उनके क्षेत्र में नहीं आता। हालांकि बाद में अपने वकील के माध्यम से उन्होंने उसी थाने में कंप्लेन दर्ज करवाई है।

 

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