लीजिए मोदी राज का नया चमत्कार देखिए, मोदी सरकार ने फैसला किया है कि भारतीय ब्यूरोक्रेसी की सबसे अहम नियुक्तिया अब निजी क्षेत्र से की जाएंगी. डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर लेवल के 60 फीसदी पोस्ट अब प्राइवेट सेक्टर से भरी जाएगी . वरिष्ठ आईएसएस अधिकारी अब इनके मातहत काम करेंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर बताती है कि 3 जून को डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के सचिव ने अपने विभाग की एक बैठक ली है इस बैठक में सचिव ने एक प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत प्राइवेट सेक्टर के करीब 400 विशेषज्ञों को सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम के तहत डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर की पोस्ट पर भर्ती करने को कहा गया है.
दरअसल सरकार में सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम के तहत डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर स्तर के कुल 650 पद हैं। अब ऐसे में 400 पदों पर प्राइवेट सेक्टर के विशेषज्ञों की भर्ती का मतलब है कि प्रशासन के इन अहम पदों के 60 प्रतिशत पर निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों का कब्जा हो जाएगा और प्रमोशन पाए हुए आईएएस को मिलेगा ठेंगा.
एक ही झटके में आरक्षण और पदोन्नति में आरक्षण जैसे सारे विवाद समाप्त हो जाएंगे और बड़े उद्योगपतियों के यहाँ उच्च पदों पर काम करने वाले लोग सीधे सरकारी सेवा में डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर की पोस्ट हासिल कर लेंगे और पूंजीपतियों के ही फेवर की सारी नीतियां बनाएंगे. सबका साथ ओर सबका विकास का सपना तभी तो पूरा होगा….. बाकी as usal मुल्लो को तो टाइट रखा ही जाएगा……….. जय हो मोदी जी की