आज केंद्र सरकार ने पूरी तरह से हज सब्सिडी ख़त्म करने का ऐलान कर दिया है, जिसके बाद से ही मुस्लिम समुदाय में एक ख़ुशी की लहर देखी जा रही है. पर इसके पीछे एक बड़ा कारण है. इस कारण को बताते हुए लेखक और प्रसिद्ध ब्लॉगर अविनाश पाण्डेय (समर अनार्य) कहते हैं-
- हज सब्सिडी दरअसल बहुत पहले ख़त्म कर दी जानी चाहिये थी- सुप्रीम कोर्ट के 2012 में इसे 10 साल के भीतर धीरे धीरे ख़त्म करने के आदेश के बहुत पहले- लागू तब हुई थी जब समु्द्री जहाज़ से जेद्दा जाना बंद हो गया था और हवाई यात्रा बहुत महँगी थी। तब इंदिरा गाँधी सरकार ने समुद्री यात्रा के किराये के ऊपर लगने वाली मदद की सब्सिडी दी थी।
- मगर इस्लाम में हज सिर्फ उन पर फ़र्ज़ था जो कर सकते थे, खुद।
- अब ये सिर्फ एयर इंडिया को मदद कर रही थी- हज सब्सिडी लेने वाले किसी और एयरलाइंस से यात्रा नहीं कर सकते थे।
- एयर इंडिया जेद्दा की उस उड़ान का 40,000 रुपये से ज़्यादा वसूलती थी जो महीने भर पहले बुक करने पर बाकी एयरलाइंस पर 20,000 से कम में मिलती थी। फिर हज की तैयारी तो अमूमन साल भर से पहले की होती है!
- तमाम मुस्लिम यह जानते थे और हज सब्सिडी ख़त्म करने की माँग कर रहे थे।
- इस सब्सिडी का एयर इंडिया के अलावा फ़ायदा सिर्फ संघ और भाजपा से जुड़े लोग उठा रहे थे- इसे मुस्लिम तुष्टीकरण के सबूत के रूप में पेश करके।
- अफ़सोस, पुरानी सेकुलर सरकारों की वजह से सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले का फ़ायदा उठाने की कोशिश मोदी सरकार करेगी!
- बाकी, वो आरोप सही था तो अब भी सरकार तुष्टीकरण ही कर रही है, देखिये कि मुख़तार अब्बास नकवी के मुताबिक़ सब्सिडी का पैसा अब कहाँ जायेगा!
हैदराबाद से AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं –
कि हक़ीक़त बताना चाहूँगा की 2006 से मैंने ये मुतालिबा किया कि हज सब्सिडी को ख़त्म किया जाना चाहिए, क्योंकि हज सब्सिडी के नाम पर एयर इण्डिया को पैसा दिया जाता रहा है. उसके नुक्सान की भरपाई हज सब्सिडी के नाम पर दिए जाने वाले पैसे से की जाती रही है.
देखें यह वीडिओ
https://youtu.be/R8xxMQQjxQk
हज सब्सिडी ख़त्म कर मुस्लिम बच्चियों की शिक्षा में खर्च होगा पैसा – नक़वी
केंद्र सरकार ने हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी की रकम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी. नकवी ने कहा कि इस साल 1.75 लाख मुसलमान हज यात्रा पर जाएंगे. अब तक के इतिहास में यह पहली बार है जब इतनी ज्यादा संख्या में यात्री हज यात्रा पर जाने वाले हैं.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि हज सब्सिडी के फंड को मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा उपलब्ध कराने पर खर्च किया जाएगा.
नकवी ने कहा कि, “यह अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण के बिना और गरिमा के साथ सशक्तीकरण की हमारी नीति का हिस्सा है.”
Haj subsidy funds will be used for educational empowerment of girls and women of minority community: Minority Affairs Minister Mukhtar Abbas Naqvi pic.twitter.com/p1GmpyyRyg
— ANI (@ANI) January 16, 2018
उन्होंने कहा कि सब्सिडी का फायदा एजेंट्स उठा रहे थे इसलिए हज सब्सिडी बंद कर दी गई है. इसके लिए गरीब मुस्लिमों के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी.
आपकों ज्ञात करवा दे कि, 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में हज सब्सिडी को धीरे-धीरे 2022 तक खत्म करने को कहा था. इसके बाद ही हज सब्सिडी वापस लेने की नीति तैयार की गई. खर्च बढ़ने के बाद सरकार अब हवाई मार्ग के साथ यात्रियों को समुद्र मार्ग का भी विकल्प देगी. इस साल की शुरुआत में नकवी ने कहा था कि केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक हज सब्सिडी खत्म करेगी.
नकवी ने यह भी कहा कि सऊदी अरब की सरकार ने भारत से पानी के जहाज के जरिए हज यात्रा फिर से आरंभ करने को सैद्धांतिक रूप से सहमति प्रदान कर दी है और दोनों देशों के अधिकारी इससे जुड़े तौर-तरीकों को अंतिम रूप देंगे.
भारत से करीब 1300 महिलाएं इस बार बिना मेहरम (परिवार का वह पुरुष जिससे शादी संभव नहीं) के हज यात्रा करेंगी. रियाद ने इस मामले में अपने नियमों में थोड़ी ढील देते हुए 45 साल से अधिक उम्र की कम से कम 4 महिलाओं के समूह को बिना किसी साथी के यात्रा की अनुमति दे दी है.
सरकार हर साल हज सब्सिडी पर 700 करोड़ रुपये खर्च करती है. दुनिया भर से लाखों मुसलमान हर साल हज करने सऊदी अरब के मक्का आते हैं. हज को इस्लाम धर्म के 5 स्तंभों में से एक माना जाता है.