गरीब और असहाय मरीज़ों के मौत की सौदागरी में बीएचयू अब गोरखपुर से आगे निकल गया। वो भी बहुत शर्मनाक तरीके से।
जून में दो दिन में 20 मरीज मरे। खबर दबा दी गयी। उन बेकसूर बेसहारों के लिए आगे आये पूर्व छात्र नेता और समाज सेवी भुवनेश्वर द्विवेदी जी और दस्तावेजों को इकठ्ठा करना शुरू किया तो खुद चौंक गए। पिछले एक साल में करीब सौ मरीज लाश बन कर निकले सर सुंदर लाल अस्पताल से।
मरने का कारण बताएंगे तो आप का सर शर्म से झुक जाएगा उन अब मरीजो को मेडिकल ऑक्सीजन की जगह इंडस्ट्रियल गैस दिया जा रहा थे। घुट घुट के मरीज मर रहे थे। यहाँ हिटलर का निज़ाम है। दम घोट कर मारा जाता है। उस गैस की सप्लाई का ठेका भाजपा विधायक, इलाहाबाद के श्री हर्ष वर्धन बाजपेयी जी का है। इनके पास मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन का कोई लाइसेंस भी नही है.
सर सुंदर लाल अस्पताल के अधीक्षक डॉ ओपी उपाध्याय फिजी द्वीप में एक युवती से बलात्कार के प्रयास में सेक्सुअल harassment के मामले में पन्द्रह महीना जेल काटने की सजा भुगत कर आये हैं।
बी एच यू के कानून के अनुसार उन्हें नौकरी नही मिल सकती है। नियम ताक पर रख कर उन्होंने अस्पताल में अपने चहेतों से दस दवा की अवैध दुकान खोलवा दिया है। लूट में कमीशन के एवज में।
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इस मामले को हमने हाई कोर्ट में उठाया। कल माननीय न्यायमूर्ति श्री दिलीप गुप्ता और जस्टिस अमर सिंह चौहान की खण्ड पीठ ने लम्बी बहस के बाद उत्तर प्रदेश के महा निदेशक चिकित्सा को जाँच कर तीन छ सप्ताह में रिपोर्ट लगाने को कहा है।
बी एच यू प्रशासन का हाथ निर्दोषों के खून से रँगे हुए हैं। अभी पिछले साल जब यूनिवर्सिटी अपने सौवें साल के जश्न में सराबोर था, सर सुंदर लाल अस्पताल में एक ही रात 9 मरीज प्रतिबंधित अवस्तीन इंजेक्शन लगाने से अँधे हो गए। मैं इस मसले की जाँच करने रमेश कुमार और अनिल अनिल कुमार मौर्या के साथ मैं बनारस में इन भुगतभोगियो के घर गया था।
वेदिका नाथ , समीक्षा अग्रवाल और दीक्षा द्विवेदी ने जन हित याचिका की जिसमे चीफ जस्टिस डॉ डी वाई चंद्रचूड़ जी के बेंच ने बहुत सख्त ऑर्डर किया। पर किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई । Vedika Nath Sameksha Agrawal सब काजल की कोठरी में बैठे हैं । माननीय कुलपति महोदय बचाव में समय लगाते रहे । इस बार किसी के बचने की कोई गुजाइश नही है अगर आप सबका साथ समर्थन और सहयोग रहा । भुवनेश्वर भाई का हौसला बनाये रखा आप सबने ।
स्वास्थ्य का अधिकार इस देश की जनता का मौलिक अधिकार है ।
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