जानिये किस आरोप में अर्नब की हुई है गिरफ़्तारी ?

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मुम्बई पुलिस(CID) अर्नब गोस्वामी को उनके घर से खचेरते हुए ले गई है। लेकिन मुम्बई पुलिस अर्नब को खचेरते हुए क्यों ले गई है, आइए इसके पीछे की कहानी जानते हैं। साल 2018 की बात है, अन्वय नाइक नाम के एक इंटीरियर डिजाइनर हुआ करते थे, अन्वय और उनकी माँ कुमुद नाइक ने अचानक आत्कहत्मा कर ली। अन्वय ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि “अर्नब गोस्वामी और अन्य दो लोगों ने उनके साथ 5.40 करोड़ रुपए की धोखेबाजी की है”।

मालूम नहीं अन्वय इस मामले में कितनी सही थे लेकिन प्रथमदृष्टया ये तो माना जा सकता है कि अर्नब और बाकी अन्य दो लोगों ने कुछ न कुछ गड़बड़ तो जरूर ही की होगी जो सुसाइड करने वाले अन्वय ने अपने आखिरी खत में, अपने आखिरी अक्षरों में अर्नब का नाम लिखा। साल 2019 की शुरुआत में रायगढ़ पुलिस ने ये मामला क्लोज कर दिया। अन्वय की सुसाइड के समय महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार थी, भाजपा और अर्नब के अवैध प्रेम सम्बंध किसी से छुपे हुए नहीं है, जहां तक कि अर्नब के रिपब्लिक चैनल में शुरुआती इन्वेस्टमेंट तक भाजपा नेता और उद्योगपति राजीवचंद्रशेखर ने लगाया था। इसलिए इस बात को इग्नोर नहीं किया जा सकता कि इतने सिरियस मामले से बचने के लिए अर्नब गोस्वामी अपने मातृ संगठन भाजपा के कृपापात्र रहे होंगे।

वैसे तो अन्वय के खत की बात पढ़कर, अन्वय की आत्महत्या के प्रत्यक्ष आरोपी अर्नब गोस्वामी से मेरी कोई सहानुभूति नहीं रह जाती, फिर भी अगर उनकी पिटाई-सुताई हुई है तो मैं इसके पक्ष में नहीं हूँ। हालांकि इस बात के कोई भी सबूत अभी तक सामने नहीं आए हैं कि मुम्बई पुलिस ने अर्नब गिद्धस्वामी के साथ बदसलूकी की है। सॉरी ऊपर ‘गोस्वामी’ की जगह गिद्धस्वामी लिख गया है, आप गोस्वामी ही पढ़ें। बहरहाल रिपब्लिक चैनल सिर्फ ये ही हेडलाइन चला रहा है कि अर्नब के साथ बदसलूकी हुई है, लेकिन चैनल द्वारा अभी तक ऐसा एक भी फुटेज जारी नहीं किया गया है जिससे कहा जा सके कि बदसलूकी हुई है। जो भी पिक्चर अभी तक आ रही हैं वे बेहद नॉर्मल हैं, उन्हें आपत्तिजनक नहीं कहा जा सकता।

अब ये देखना बाकी है कि जिस तरह भाजपा सुशांत को न्याय दिलाने के लिए हैशटैग चला रही थी और रिया चक्रवर्ती को इग्नोर कर रही थी, क्या वही भाजपा और उसके समर्थक अन्वय और उनकी माँ कुमुद के न्याय के लिए खड़े होंगे या सुसाइड के प्रत्यक्ष आरोपी अर्नब गोस्वामी के पक्ष में खड़े होंगे?

फ़िलहाल बस इतना ही कहा जा सकता है कि जिस सख्ती और हिदायतों के साथ अर्नब गोस्वामी, रिया चक्रवर्ती के साथ व्यवहार करवाना चाहते थे, उसी तरह का व्यवहार अर्नब के साथ किया जाए, ताकि अर्नब गोस्वामी को भी इस मामले में अपनी सुनवाई का फेयर चांस मिल सके। मुम्बई पुलिस से मेरी यही गुजारिश है कि अर्नब की पुरानी वीडियोज, उनके पुराने शोज देखकर निर्देश लेती रहे कि वे रिया चक्रवर्ती से कैसा व्यवहार चाहते थे। हरि ॐ