जो चुप रहेगा ज़बाने खंजर, लहू पुकारेगा आस्तीन का
दैनिक जागरण कुछ भी कहे, यह बात प्रमाणित हो चुकी है की कठुआ काण्ड मे आसिफा का बलात्कार और उसकी हत्या को मन्दिर-प्रांगण या देवीस्थान के अन्दर अंजाम दिया गया। इसकी पुष्टी भाजपा सरकार के अफसरों ने खुद की।
कठुआ मन्दिर से मिले ब्लड और DNA samples का इस काण्ड मे शामिल मुख्य अभियुक्तों के ब्लड और DNA samples से मेल हो गया है।
यानी अभियुक्तों का वीर्य (sperm), बाल-इत्यादी मन्दिर के अन्दर मिला। अगर मुख्य अभियुक्त मन्दिर के अन्दर आसिफा का रेप नही कर रहे थे, तो उन्के वीर्य के samples कैसे मन्दिर के अन्दर मिले?
घटनाक्रम
23 फरवरी को जम्मू और काश्मीर के DGP ने दिल्ली के होम सेक्रेटरी मनोज परीधा को एक सन्देशवाहक भेजा। जम्मू और सन्देशवाहक DSP रैंक का अफसर था। उसने जम्मू और काश्मीर DGP का पत्र मनोज परीधा को दिया। इस पत्र मे कठुआ केस की forensic जांच दिल्ली मे कराने का निवेदन था। जम्मू और काश्मीर की forensic सेवायें तकनीक मे पीछे थीं। इसलिये दिल्ली बेहतर समझा गया।
- दिल्ली सरकार के होम डेपारटमेन्ट के ऐडीशनल सेक्रेटरी श्री OP मिश्र के अनुसार, “मामला बेहद संवेदनशील था। हमने इसको प्राथमिकता दी”।
- 1 और 21 मार्च के बीच, दिल्ली के forensic लैब को सबूतों के 14 पैकिट्स मिले। इन्ही पैकिट्स में अभियुक्तों मे जो नाबालिग लड़का था, उसके बाल और वीर्य के samples मिले।
- इन पैकिट्स मे आसिफा की वो फ्राक थी जो उसने वारदात के समय पहनी थी। क्यूंकि यह फ्राक धुल चुकी थी, सबसे बड़ा चैलेंज था इस फ्राक से खून के धब्बों को पहचानना।
- इस काम के लिये दिल्ली की forensic टीम ने फ्राक को कई टुकड़ों मे बांटा। जांच के काफी देर बाद, फ्राक की फ्रिल मे खून का धब्बा मिला। यह फ्राक मन्दिर के अंदर मिली थी। और इसका ब्लड sample आसिफा के viscera sample से मिल गया।