सीपीआई छोड़ कन्हैया ने थामा कांग्रेस का दामन

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Heena Sen

राजनीतिक गलियारो में कई दिनों से चल रही अटकलों पर अब विराम लग गया है। अखिरकार लेफ्ट पार्टी के बड़े युवा नेता और जे.एन.यू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार व गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों को मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में कन्हैया को कांग्रेस की औपचारिक सदस्यता दिलाई गई है। हालांकि जिग्नेश मेवाणी ने अभी कांग्रेस की सदस्यता का पर्चा नहीं भरा है। 

उनका कहना था कि वह इस समय गुजरात से विधायक हैं, इसलिए इस समय वह केवल वैचारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। हालांकि जिग्नेश कहा कि वह जल्द ही सभी औपचारिकताएं पूरी कर लेंगे और अगली बार कांग्रेस पार्टी से ही चुनाव लड़ेंगे।  

भगत सिंह को दी श्रद्धांजलि

इससे पहले दोनों युवा नेताओं ने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुलाकत की और शहीद पार्क जाकर भगत सिंह को श्रद्धांजलि भी दी। साथ ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के हेड ऑफिस में मेवानी ने राहुल गांधी को संविधान की एक प्रति भी भेंट की, वहीं ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी को महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर भेंट की हैं

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रतीक हैं कन्हैयाः वेणुगोपाल

कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने कहा, “कन्हैया कुमार देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रतीक हैं। उनके शामिल होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। जिग्नेश जी के भी शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। “

वहीं बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे, उन्होंने कहा कि, ” कन्हैया और जिग्नेश ने भगत सिंह की जयंती पर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। दोनों ने कमजोर और बेसहारा लोगों की आवाज उठाई है। राहुल जी के साथ इन दोनों नेताओं का विचारधारा का मेल भी है। ये दोनों नेता कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।”

कन्हैया कुमार ने संगठन से जोड़ने का कारण बताते हुए कहा कि ‘देश के करोड़ों नौजवानों को लगने लगा है कि कांग्रेस नहीं बचेगी, तो देश भी नहीं बचेगा और ऐसे में मैं लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए कांग्रेस में शामिल हुए हैं।’ 

कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगाःकन्हैया

कन्हैया कुमार ने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि ‘‘मुझे महसूस होता है कि इस देश की सत्ता में एक ऐसी सोच के लोग काबिज हैं, जो इस देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, इसके मूल्य, इतिहास और वर्तमान को खत्म कर रहे हैं। इस सोच से लड़ना है… देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी में इसलिए शामिल होना चाहते हैं क्योंकि यह पार्टी नहीं बचेगी, तो देश नहीं बचेगा।’’

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि, ‘‘आज देश को भगत सिंह के ‘साहस’, अम्बेडकर की ‘समानता’ और गांधी की ‘एकता’ की जरूरत है।’’

इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिग्नेश ने कहा कि देश के युवाओं और संविधान में विश्वास करने वालों को मिलकर लड़ाई लड़नी है, क्योंकि देश अब तक के सबसे अप्रत्याशित संकट का सामना कर रहा है। 

गौरतलब है कि कन्हैया मूल रूप से बिहार के रहने वाले है। कन्हैया जेएनयू में कथित देश विरोधी नारे लगने के बाद सुर्खियों में आए थे। उन पर देश विरोधी नारेबाजी में शामिल होने का आरोप भी लगाया गया था। साथ ही कन्हैया बीते लोकसभा इलेक्शन में बेगुसराय सीट से गिरीराज सिंह के खिलाफ मैदान में उतरे थे, लेकिन उस समय उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दूसरी तरफ, दलित समुदाय से आते हैं, और वर्तमान में गुजरात के वडगाम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं।

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