विचार स्तम्भ

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नोटबंदी : कभी कभी लगता है कि हम असल में इतने मुर्ख है या होने का नाटक करते है

  • September 1, 2017

अभी अभी नोट बंदी के आकडे आये साफ़ हो गया की प्रधानमन्त्री ने अपने भाषण में नोट बंदी के जितने फायदे गिनाये थे उनमे से एक...

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आश्रम एवम बाबाओं से पीड़ित लड़कियों की हिम्मत दिखाने का वक़्त आ गया है

  • August 31, 2017

राम रहीम को तो सज़ा मिल चुकी है.. मगर .. अब भी पूरे हिंदुस्तान में सेंकडो आश्रम ऐसे हैं जहाँ बाबा राम रहीम जैसे लोग मौजूद...

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Asad Shaikh
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मेरी दाढ़ी है, टोपी पहनता हूँ और आप जैसा ही इंसान हूँ

  • August 25, 2017

मैं मुसलमान हूँ,उतना ही इंसान हूँ जितने आप है,उसी हाड़ और मांस का हूँ जिसके आप है.. हाँ मैं कुर्ता पहनता हूँ,हाँ मैं दाढ़ी रखता हूँ,लेकिन...

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राम-रहीम के समर्थकों की जगह मुस्लिम दलित या वामपंथी संगठन के लोग होते तो…

  • August 24, 2017

बाबा राम रहीम के चेले भारत को नक़्शे से मिटाने की बात कर रहे हैं लेकिन इनके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नहीं होगी। ना ही समाज में...

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Asad Shaikh
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आज़ादी 70 साल बाद "हम भारत के लोग" क्या भूल रहे हैं?

  • August 15, 2017

हम भारत के लोग,यानी हम भारतीय,130 करोड़ भारतीय वही भारतीय जो अब “आज़ादी” के सत्तर साल पुरे करने जा रहें है,अपने देश के “बड़ों” की विरासत...

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जलते घरो को देखने वालो पूष का छप्पर आपका है आग़ के पीछे तेज़ हवा है आगे मुकद्दर आपका है

  • August 5, 2017

“जलते घरो को देखने वालो पूष का छप्पर आपका है आग़ के पीछे तेज़ हवा है आगे मुकद्दर आपका है” इन पंक्तियों का उपयोग यहाँ कुछ...

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डॉ अंबेडकर पूजने की "वस्तु" नहीं..अपनाये जाने वाले "लीजेंड"(दिव्यचरित्र) हैं

  • August 1, 2017

मैं, फ़िक्रमंद हूँ कि वर्णाश्रम के आख़िरी पायदान पे लटका दिये गए “शूद्र” अपना “ज़िंदा अस्तित्व” मनुवादी निज़ाम मे कैसे ढूंढ सकते हैं? उसमें भी ख़ासकर...

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समकालीन भारतीय राजनीति में गठबंधन का सिर्फ एक नियम होता है, 'सत्ता'

  • July 29, 2017

भारत में राजनीति जैसा विषय नया नहीं है, ये हर्यक वंश से पहले भी पहचान रखता था और आज भी रखता है। शुद्ध राजनीति का अस्तित्व...

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ये तो मानना पड़ेगा " बिहार में जनमत का अपहरण किया गया ".

  • July 28, 2017

ये पोस्ट करना जरूरी नहीं था,पर अभी चलन में हिट अंतरात्मा की आवाज़ पे कर रहा हूँ कि सारे तर्क कुतर्क के बावजूद ये तो मानना...