विचार स्तम्भ

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क्या दिल्ली में जो कुछ हुआ, वो किसी नफ़रती प्रोजेक्ट का हिस्सा है ?

  • March 1, 2020

यह ना संयोग है ना प्रयोग बल्कि एक प्रोजेक्ट है जिसे बहुत तेजी से पूरा किया जा रहा है। भारत को ‘हम’ और ‘वे’ में बांट...

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क्या गुजरात मॉडल के लागू करने में सबसे बड़ा रोड़ा बन गए थे जस्टिस मुरलीधर?

  • February 28, 2020

दिल्ली हिंसा पर सुनवाई करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का रातों-रात तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया गया है। जस्टिस एस. मुरलीधर...

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Krishna Kant
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दंगाइयों से कह दो, यह हिंदुस्तान है और हिंदुस्तान कभी नहीं हारेगा

  • February 28, 2020

प्रेमकांत ने देखा कि मुस्लिम पड़ोसी का घर जल रहा है तो आग में घुस गए। परिवार में 6 लोगों को बाहर निकाल लिया। बूढ़ी मां...

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क्या गृहमंत्री को अपने पद से नहीं हट जाना चाहिए ?

  • February 28, 2020

अमित शाह को देश के गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। लेकिन एनडीए में इस्तीफे होते नहीं हैं तो प्रधानमंत्री को चाहिए कि वह उनका...

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नज़रिया – क्या यह सब प्रायोजित हिंसा थी ?

  • February 27, 2020

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जो कुछ भी हुआ है उसे हिन्दू-मुस्लिम दंगा कत्तई नहीं कहा जा सकता। यह पूरी तरह से राज्य-प्रायोजित हिंसा थी। जिसमें पुलिस की...

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हमसे अभागी पीढ़ी कौन सी होगी ? जिसने बनते कुछ नहीं देखा, बिगड़ते सब देख रही है

  • February 26, 2020

चौरासी हुआ तो बच्चा था। पापा को होरा अंकल के लिए बुरी तरह से परेशान देखा। गुरमीत को स्कूल छोड़कर अपने पिता के साथ ठेले पर...

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दिल्ली – ईवीएम से गिनती में वोटों का अंतर क्यों आया?

  • February 17, 2020

ईवीएम से शिकायतें कम नहीं हो रही हैं। चुनाव आयोग ने ईवीएम हैक कर दिखाने की जो चुनौती दी थी उसकी शर्तें ऐसी नहीं थीं कि...

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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पूर्व कार्यालय में तोड़ फोड़ निंदनीय है

  • February 16, 2020

पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर जी आज महत्वपूर्ण हो या न हो पर उनकी हैसियत आज के फर्जी डिग्री और हलफनामा देने वाले आधुनिक अवतारों से कहीं बहुत...

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नज़रिया – योगी सरकार में कानून का दोहरा मापदंड

  • February 15, 2020

गोरखपुर के डॉ कफील खान को सरकार ने एएमयू में भाषण देने के लिये रासुका एनएसए के अंतर्गत निरुद्ध कर दिया है। जहां तक इस कानून...

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जो लोग दिल्ली चुनाव में मुफ्तखोरी की बात कर रहे हैं, उन्हे ये लेख पढ़ना चाहिए

  • February 14, 2020

देश के राजनीतिक हलकों में यह शब्द पिछले तीन चार दिनों से गूंज रहा है। भाजपा के नेता, उनके समर्थक और कुछ दक्षिणपंथी झुकाव वाले पत्रकार...