रविवार के दिन सुबह 10 बजे दिल्ली के जंतर मंतर पर सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने “भारत छोड़ो” नामक एक रैली का आह्वान किया था।
जिसमें बीजेपी के कई नेता भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार , यह कार्यक्रम बिना अनुमति के आयोजित कराया गया था। जिसमें एक समुदाय को लेकर आपत्तिजनक नारे लगाये जा रगे थे। वहां एक उग्र भीड़ जोर-जोर से यह नारे लगा रही थी, “मुल्ले काटे जाएंगे, राम राम चिल्लाएंगे।” अब हिंसात्मक और भड़काऊ बयान देने का मामला के मामले में पूरे प्रदर्शन का आयोजन कराने वाले अश्विनी उपाध्याय समेत 5 ओर लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है।
A mob in the capital of this country is shouting, "Jab mulle kaate jaayenge, Ram Ram chillaayenge."
Kindly instruct me with the curriculum of how this must be ignored.
— Hussain Haidry (@hussainhaidry) August 8, 2021
नेशनल दस्तक के पत्रकार से जबरन जय श्री राम बुलवाने की हुई कोशिश
धर्म विशेष के खिलाफ नारेबाजी का मामला उस वक्त ज्यादा गंभीर हो गये, जब भीड़ द्वारा “नेशनल दस्तक” के एक रिपोर्टर अनमोल प्रीतम को जबरदस्ती “जय श्री राम” बोलने के लिए भीड़ ने घेर लिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया और विरोधियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग होने लगी। साथ ही इस प्रदर्शन का आयोजन कराने वालेअश्विनी उपाध्याय की गिरफ्तारी के लिए भी सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जाने लगी थी।
9 अगस्त की पुलिस ने की एफआईआर दर्ज
पुलिस ने देर रात ही सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय के साथ पांच और लोगों को भी हिरासत में लिया। उपाध्याय को पूछताछ के लिए कनॉट प्लेस थाने में बुलाया गया था।
मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो थाना पहुंचने और पूछताछ के दौरान उन्हें परिवार के लोगों के अलावा अन्य किसी से मिलने या बात करने नहीं दिया गया। सभी लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस ने अश्विनी उपाध्याय के साथ विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांती, प्रीत सिंह और दीपक को भी गिरफ्तार कर लिया है।
मामले में अश्विनी उपाध्याय की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। आरोपी मामले में जल्दी ही उपाध्याय के साथ सभी अपराधियों को पटियाला कोर्ट में पेश किया जा सकता है। हिरासत में लिए सभी आयोजकों का कहना है कि उनका प्रदर्शन केवल एक ही घंटे का था और कार्यक्रम के दौरान कोई भी आपत्तिजनक नारेबाजी नहीं की गई थी।
अश्विनी उपाध्याय ने अपनी सफाई में कहा की मैंने नारेबाजी नहीं की और ना में नारे लगाने वाले लोगों में से किसी को जानता हूं। उपाध्याय ने वीडियो की सत्यता की जांच करने की भी मांग की है। और इसी मांग के चलते उपाध्याय ने एक रिपोर्ट भी दर्ज कराई है।
बीजेपी सांसद ने किया बचाव
बीजेपी सांसद हरनाथ यादव ने अश्विनी उपाध्याय का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि अश्विनी उपाध्याय के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। जो दोषी हों, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
अश्विनी उपाध्याय के समर्थन में आए कपिल मिश्रा
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने पूर्व भाजपा प्रवक्ता व सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय का समर्थन किया है। कपिल मिश्रा ने ट्विटर के जरिए उपाध्याय का समर्थन करते हुए लिखा कि नारे अश्विनी उपाध्याय ने नहीं लगाए थे। ना उनके मंच से लगे। कहीं दूर सड़क पर कोई क्या कह रहा हैं इसकी जिम्मेदारी अश्विनी उपाध्याय की कैसे और क्यों? वो जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं हम पूरी तरह अश्विनी उपाध्याय के साथ हैं।